झारखंड के 103 स्कूलों में एक भी बच्चे नहीं, लेकिन 17 शिक्षक हैं पदस्थापित, 7930 स्कूल तो ऐसे जहां हैं सिर्फ एक शिक्षक

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रांची : झारखंड में शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है. कहीं स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं तो कहीं छात्र नहीं हैं. राज्य के 103 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी स्टूडेंट नहीं हैं, लेकिन इन स्कूलों में 17 शिक्षक पदस्थापित हैं. वहीं, राज्य के 7930 स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक शिक्षक पदस्थापित हैं, जबकि इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 381455 है. यानी 48 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति है. झारखंड विधानसभा में सरकार ने यह माना है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या घटती जा रही है.

विधायक राज सिन्हा ने उठाया सवाल

बीजेपी के विधायक राज सिन्हा ने विधानसभा में स्कूलों में बच्चों की कम संख्या और कई स्कूलों में शिक्षकों की कम संख्या का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि राज्य के 199 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है, लेकिन 398 शिक्षक कार्यरत है. इन स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों को बैठाकर वेतन दिया जा रहा है. इन स्कूलों में अतिक्रमण कर दुकानें चल रही हैं और कई स्कूलों में रात में शराबियों का जमावड़ा लगता है और शराब पी जाती है. सरकार इन स्कूलों को बंद क्यों नहीं कर देती है.

स्कूल बंद नहीं कर सकते : शिक्षा मंत्री

इसपर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या से सरकार चिंतित है, लेकिन जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं वहां के शिक्षकों को दूसरे स्कूल में पदस्थापित करने या स्कूल को बंद कर देने से इसका समाधान नहीं होगा. इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या और घटेगी. सरकार स्कूल चलो अभियान चला रही है, जिसमें स्कूल के शिक्षक और छात्र वैसे बच्चों के घरों में जाते हैं जिन्होंने स्कूल आना छोड़ दिया है. उन्हें जागरूक करके फिर से स्कूल लाने का प्रयास किया जाता है. वहीं 7930 स्कूलों में शिक्षकों की कम संख्या पर मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक स्कूलों में 26001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. जेएसएसी से अनुशंसा प्राप्त होने के बाद छात्र-शिक्षक अनुपात में पदस्थापन की कार्रवाई की जा सकेगी.

 

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