डीसी बनने की होड़ में 2018 के मनीष ने मारी बाजी, 2017 के चार IAS अब भी जोह रहे बाट

आईएएस अफसरों का उत्साह और आत्मविश्वास तब कमजोर पड़ जाता है जब उनकी पोस्टिंग में पदक्रम (हायरार्की) को अनदेखा किया जाता है. तब यूपीएससी टॉपर्स के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास की जगह मायूसी नजर आती है.

1000994090-GmCdSmBAai.jpg

रांची : सालों कड़ी मेहनत कर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करने के बाद टॉपर्स में गजब का उत्साह होता है. उत्साह हो भी क्यों नहीं इतनी बड़ी परीक्षा जो पास की है. इसके बाद दौर आता है उनकी ट्रेनिंग का. मसूरी से जब ट्रेनिंग कर अभ्यर्थी निकलते हैं तो आत्मविश्वास से लबरेज होते हैं. जब कैडर के मुताबिक उन्हें पोस्टिंग मिलती है तो पूरी जोश के साथ ड्यूटी पर पहुंचते हैं. शुरुआत में हर आईएएस की बीडीओ, सीओ, एसडीओ, डीडीसी, मजिस्ट्रेट जैसे पदों पर पदस्थापन होती है,  हर यूपीएससी टॉपर का सपना जिले में डीसी या डीएम बनने का होता है. आईएएस अफसरों का उत्साह और आत्मविश्वास तब कमजोर पड़ जाता है जब उनकी पोस्टिंग में पदक्रम (हायरार्की) को अनदेखा किया जाता है. तब यूपीएससी टॉपर्स के चेहरों पर उत्साह और आत्मविश्वास की जगह मायूसी नजर आती है. यह सिस्टम सालों से चला आ रहा है. झारखंड कैडर के अफसरों की हालत भी कुछ ऐसी ही है. हायरार्की की अनदेखी कर की गई पोस्टिंग से अधिकारियों को मनोबल टूट रहा है. झारखंड सरकार की ओर से सोमवार को जारी अधिसूचना में 2018 बैच के एक आईएएस को डीसी के पद पर पोस्टिंग मिल गई, जबकि 2017 बैच के 4 अभी भी डीसी बनने के लिए वेटिंग हैं

2017 बैच के सिर्फ 2 आईएएस बने डीसी

सोमवार (30 सितंबर) को हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग में 2017 बैच के अधिकारियों को भी उपायुक्त बनाया गया है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 2017 बैच के 7 में से सिर्फ 2 आईएएस को ही उपयुक्त बनाया गया है. झारखंड कैडर में आए 2017 बैच के सात अधिकारियों को रैंकिंग के हिसाब से देखें तो पहले नंबर पर नीतीश कुमार सिंह हैं, दूसरे नंबर पर प्रेरणा दीक्षित, तीसरे नंबर पर शशि प्रकाश सिंह है, चौथे नंबर पर उत्कर्ष गुप्ता, पांचवें नंबर पर हेमंत सती, छठे नंबर पर कुमार ताराचंद और सातवें नंबर पर कृतिश्री हैं. रैंकिंग के हिसाब से नीतीश कुमार सिंह पहले नंबर हैं. इनमें से पांचवें नंबर पर आने वाले हेमंत सती को फरवरी 2024 में साहिबगंज का डीसी बनाया गया है. सोचिये उस वक्त उन अफसरों पर क्या गुजरी होगी जब उन्हें दरकिनार करते हुए पदक्रम में पांचवें नंबर के अधिकारी की पोस्टिंग की गई. 

फरवरी के बाद सितंबर की अधिसूचना में भी हाथ लगी निराशा

हेमंत सती के पदस्थापन के बाद निराश बाकी बचे 6 अधिकारी डीसी के रूप में अपने पदस्थापन का इंतजार कर रहे थे. सोमवार को हुए तबादले में इनमें से सिर्फ दो की ही लॉटरी लगी.पदक्रम में तीसरे नंबर पर आने वाले शशि प्रकाश सिंह को जामताड़ा और चौथे नंबर पर आने वाले उत्कर्ष गुप्ता को लातेहार का उपायुक्त बनाया गया. फरवरी से सितंबर तक इंतजार करने के बाद भी पहले पदक्रम वाले नीतीश कुमार सिंह और दूसरे पदक्रम वाली प्रेरणा दीक्षित को डीसी नहीं बनाया गया. छठे और सातवें पदक्रम वाले अधिकारी भी डीसी नहीं बने. कुल मिलाकर इस अधिसूचना के बाद 2017 बैच के चार आईएएस को निराशा हाथ लगी. 

2018 बैच के मनीष कुमार को बना दिया गया डीसी

सोमवार को जारी अधिसूचना में 2017 बैच के अधिकारियों के लिए सबसे झटका देने वाली बात यह रही की 2018 बैच के मनीष कुमार को पाकुड़ का उपायुक्त बना दिया गया है. अब 2017 बैच के चारों अधिकारी सोच यह सोच रहे हैं आखिर उनका दोष क्या है कि उन्हें अबतक डीसी नहीं बनाया गया. आखिर ऐसा करके हेमंत सरकार क्या मैसेज देना चाहती है. नीतीश कुमार सिंह फिलहाल डायरेक्टर ऑडिट, प्रेरणा दीक्षित डीडीसी हजारीबाग, कुमार ताराचंद  कृषि निदेशक और कृतिश्री जी एमडी झारक्राफ्ट के पद पर सेवा दे रहे हैं. अब एक बड़ा सवाल सिस्टम से है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, बिहार से अलग होकर झारखंड बना था तब सभी ने सोचा की बिहार से बेहतर व्यवस्था झारखंड में होगी, जहां आम जनता से लेकर अधिकारी तक के मान-सम्मान का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन यह कैसी व्यवस्था है की हम बिहार से आगे जाने की जगह और पीछे ही होते जा रहे हैं, आपको बता दें की इसी 2017 बैच के बिहार कैडर मिले आईएएस अधिकारियों की पोस्टिंग सिंगल नोटिफिकेशन में दो माह पहले हुई जहां एक साथ सभी अधिकारियों को जिले की कमान सौंप दी गई. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह सोचने की जरुरत है और सोचने की आवश्यकता है राज्य के उन आला अधिकारियों को भी जो हेमंत सोरेन के सलाहकार हैं, क्योंकि उनको सलाह देने वालों मे वह अधिकारी भी जरुर शामिल हैं जिन्होंने आईएएस की परीक्षा पास कर पहली बार बतौर डीसी जिले में पोस्टिंग प्राप्त की होगी. उन्हें यह सोचना होगा कि अगर उस वक्त उनके साथ ऐसा होता तो उन पर क्या बीतती.

4
Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

You May Also Like

Write a Response