विकास तिवारी स्टाइल में अमन साहू का एनकाउंटर, रायपुर से लाने के लिए भेजे गये थे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK

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रांची : झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है. पुलिस के मुताबिक अमन को पूछताछ के लिए रिमांड पर रायपुर से रांची लाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस की गाड़ी पलामू में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे के बाद अमन साहू पुलिस का हथियार छीनकर भागने लगा. जब उसे रोकने की कोशिश की गई तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे भी मार गिराया. अमन साहू के एनकाउंटर की थ्योरी यूपी के विकास दुबे के एनकाउंटर से थोड़ी मिलती जुलती नजर आ रही है. आपको यूपी का वो गाड़ी पलटने वाला कांड तो याद ही होगा. जिसमें विकास दुबे नाम के कुख्यात गैंगस्टर का एनकाउंटर हुआ था. विकास के साथ भी ठीक ऐसा ही हुआ था जैसा अमन के साथ. 5 साल पहले एसटीफए हिरासत में लेकर विकास को कानपुर जा रही थी. इसी बीच गाड़ी बारिश की वजह से पुलिस की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ और विकास एक पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर भागने लगा और पलटकर गोली चलाई. एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई की और उसे ढेर कर दिया. विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अमन साहू के एनकाउंटर पर सवाल उठाया है.


पुलिस को पहले से थी अनहोनी की आशंका


एनकाउंटर से जुड़ा अहम तथ्य यह भी है कि झारखंड पुलिस को पहले ही आशंका हो गई थी कि रांची लाने के दौरान इस तरह की अनहोनी हो सकती थी. इसलिए पुलिस ने पहले ही एटीएस के डीएसपी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके को अमन साहू को लाने के लिए भेजा था. प्रमोद कुमार सिंह ने ही अमन साहू का एनकाउंटर किया. पीके ने 2022 में धनबाद के बैंक मोड़ में स्थित मुथुट फाइनेंस में डकैती की कोशिश करने वाले अपराधियों का एनकाउंटर किया था. वे पलामू, धनबाद, रांची सहित कई इलाकों में अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ एनकाउंटर में शामिल रहे हैं. प्रमोद 1994 बैच के सब इंस्पेक्टर रहे हैं. प्रमोशन होने के बाद प्रमोद कुमार सिंह फिलहाल एटीएस में डीएसपी हैं. थाना प्रभारी रहते हुए भी उन्होंने लूट के खिलाफ एनकाउंटर किया था. इस दौरान उन्होंने सड़क लूट के लिए चर्चित पंद्रह माइल जंगल में एनकाउंटर कर एक अपराधी को ढेर कर दिया था. इतना ही नहीं एक समय जमशेदपुर में अखिलेश सिंह गिरोह के चार अपराधियों को सीताराम डेरा थाना क्षेत्र में एनकाउंटर कर गिरा दिया था. इसके अलावा डॉ सिंह ने इनामी नक्सली खुदी सिंह खरवार उर्फ छोटू चौधरी को अकेले लातेहार में एनकाउंटर में मार गिराया था और अपने कंधे पर लाद कर बाइक से अपने थाना ले आये थे. तब उनकी खूब चर्चा हुई थी.


कौन था अमन साहू 


इस गैंगस्टर ने छत्तीसगढ़, झारखंड से उड़ीसा तक अपना आतंक फैला रखा था. गैंगस्टर अमन रांची के एक छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था. 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने डिप्लोमा किया और फिर एक मोबाइल की दुकान खोली. इसी दौरान उसका अपराधियों के साथ उठना बैठना शुरू हुआ था और देखते ही देखते वो बन गया कुख्यात गैंगस्टर.  2013 में अमन साहू अपना गैंग बनाकर पूरी तरह से क्राइम की दुनिया में उतर आया था. 


अमन साहू ने अपने गैंग के साथ व्यापारियों और बिल्डर्स को धमकाना शुरू किया और एक्सटोरशन का धंधा शुरू कर दिया था. अमन साहू पर झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा समेत कई राज्यों में 125 से ज्यादा मामले दर्ज थे. अमन पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था, लेकिन 29 सितंबर 2019 को वो फरार हो गया था. 3 साल बाद जुलाई 2022 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया था.


गिरफ्तारी के बाद उसे झारखंड के जेल में रखा गया था, लेकिन उसने जेल से ही अपराध की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया, जिसके बाद 14 अक्टूबर 2024 को उसे छत्तीसगढ़ की रायपुर सेंट्रल जेल में भेज दिया गया था. लेकिन यहां भी उसने जेल से अपना गैंग चलाना जारी रखा. अमन साहू एक आपराधिक मामले में 6 साल की सजा सुनाई गई थी, जबकि एक और मामले में उसे तीन साल की सजा सुनाई गई थी. वह जेल में अपनी सजा काट तो रहा था, लेकिन जेल के अंदर से ही अपराध की दुनिया में भी तेजी से आगे बढ़ रहा था.

 

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