मंत्री, सांसद, विधायकों की सिफारिश नहीं चलेगी, दिल्ली के झारखंड भवन में कमरा नहीं मिलेगा

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Ranchi : दिल्ली स्थित नये झारखंड भवन में अब माननीयों की सिफारिश पर कमरा नहीं मिलेगा. ऑफिशियल और पर्सनल काम से दिल्ली जाने वाले लोग जो मंत्री, सांसद या विधायकों की सिफारिश पर झारखंड भवन में कमरा लेकर ठहरते थे उन्हें अब वहां कमरा नहीं मिलेगा. राज्य सरकार के कई जूनियर पदाधिकारी और कर्मचारी भी दिल्ली में झारखंड भवन को अपना ठिकाना बनाते थे. उन्हें भी अब कमरा नहीं दिया जाएगा. झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया है. सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, डीजीपी, आयुक्तों, उपायुक्तों, एसएसपी और एसपी को इसकी जानकारी दे दी गई है. झारखंड विधानसभा सचिव को भी आदेश की कॉफी भेजकर राज्य के सभी वर्तमान और पूर्व लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को इसकी जानकारी देने को कहा गया है.

झारखंड भवन के चालू होने के बाद से राज्य के बाद माननीयों के करीबी और जूनियर सरकारी पदाधिकारी मंत्री, सांसद, विधायकों की सिफारिश से झारखंड भवन में कमरा ले लेते थे. सिफारिश से निजी भुगतान पर कमरा लेने वाले ऐसे लोगों की हर रोज झारखंड भवन में काफी बुकिंग हो रही थी. ऐसे में सरकारी काम से दिल्ली जाने वाले झारखंड के मंत्री, सांसद, विधायकों को झारखंड भवन में आसानी से कमरा मिलने में काफी दिक्कत हो रही थी. इसे देखते हुए सरकार ने यह आदेश निकाला है. 

बता दें कि करीब एक महीने पहले झारखंड भवन में एक विधायक को कमरा नहीं मिलने पर हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ था. पांकी के बीजेपी विधायक झारखंड भवन पहुंचे थे. सारे कमरे फुल थे. विधायक को कमरा नहीं मिला तो वे नाराज हो गये और वहीं रिसेप्शन के सामने धरना पर बैठ गये. फर्श पर अपने दोनों शूटकेस रख दिए और वहीं अपना टिफिन निकालकर नास्ता किया. इस दौरान उन्होंने सांसद, मंत्री, सहयोगी विधायकों को भी फोन लगाया और खूब गुस्साए थे.

नया झारखंड भवन प्रथम श्रेणी के गेस्ट हाउस की तरह सुसज्जित है. इसमें दो बेसमेंट और आठ फ्लोर हैं. बेसमेंट में करीब 102 कार पार्किंग की व्यवस्था है. ग्राउंड फ्लोर में रिसेप्शन, लॉबी, 120 लोगों की क्षमता का डाइनिंग हॉल और जिम है. पहले तल्ले पर मुख्यमंत्री और स्थानिक आयुक्त के कार्यालय कक्ष के साथ 90 सीटों का कांफ्रेंस हॉल है. दूसरे, तीसरे और चौथे तल्ले पर 45 गेस्ट रूम की व्यवस्था है. पांचवें व छठे तल्ले पर आठ-आठ यानी कुल 16 वीआइपी सूइट हैं. सातवें तल्ले पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के सूइट हैं. साथ ही दो वीवीआइपी सूइट रूम होंगे, लेकिन झारखंड से सिफारिश लेकर जाने वाले लोगों की वजह से सभी गेस्ट रूम फुल रहते थे.

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