विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बदलेगी प्रदेश अध्यक्ष !
- Posted on August 10, 2024
- राजनीति
- By Bawal News
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बाबूलाल मरांडी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही कांग्रेस में भी किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठ रही थी. कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग पिछड़े वर्ग के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है.
रांची : झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव की पूरी संभावना दिख रही है. चर्चा है कि चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश की टीम में बड़ा फेरबदल करने वाली है. कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के जगह किसी नये चेहरे को झारखंड में कांग्रेस की कमान दी जाएगी. किसी आदिवासी चेहरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है. दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ हुई बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नेताओं से इस संबंध में राय ली है. उन्होंने नेताओं से पूछा है कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश संगठन या प्रदेश नेतृत्व में फेरबदल की जरूरत है या नहीं.
किसी आदिवासी या ओबीसी नेता को दी जा सकती है कमान
झारखंड में सत्ता का रास्ता आदिवासी सुरक्षित 28 विधानसभा सीटों से होकर जाता है. इसे देखते हुए भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले दीपक प्रकाश को हटाकर पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. हालांकि बाबूलाल कोई करिश्मा नहीं कर पाए और लोकसभा की सभी 5 आदिवासी सुरक्षित सीट भाजपा हार गई. बाबूलाल मरांडी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही कांग्रेस में भी किसी आदिवासी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठ रही थी. वहीं कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग पिछड़े वर्ग के किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है. प्रदेश के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत करा दिया है. अब केंद्रीय नेतृत्व सभी तरह समीकरणों को देखते हुए इसपर फैसला लेगी.
इन नेताओं के नाम हैं आगे
झारखंड कांग्रेस में कई आदिवासी नेता हैं जो प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में हैं. इनमें सबसे पहला नाम खूंटी के सांसद कालीचरण मुंडा का है. कालीचरण मुंडा ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को हराकर संगठन में अपना कद बढ़ाया है. वहीं लोहरदगा से चुनाव जीतकर सांसद बने सुखदेव भगत की प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में हैं. सुखदेव भगत प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हें सांगठनिक कामकाज का भी अनुभव है. आदिवासी कोटे से तीसरा नाम पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू का है. बलमुचू भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्हें भी लंबा सांगठनिक अनुभव है. चौथा नाम पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का है. राज्य सरकार में मंत्री रामेश्वर उरांव भी रेस में हैं. राजेश ठाकुर से पहले रामेश्वर ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे. वहीं ओबीसी नेताओं में जलेश्वर महतोका नाम चर्चा में है.
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