भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. ‘World AI Advantage’ स्कोर में भारत ने 53 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है, जो वैश्विक औसत 34 अंकों से काफी अधिक है. यह स्कोर बताता है कि AI के इस्तेमाल से कामकाजी लोगों का कितना समय बच रहा है और उनकी उत्पादकता में कितना सुधार हो रहा है. यह जानकारी ईवाई (EY) की 2025 वर्क रीइमेजिंड सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में AI का वास्तविक लाभ अब कार्यस्थलों पर साफ तौर पर नजर आने लगा है. इससे पहले स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से जारी AI इंडेक्स रिपोर्ट में भी भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया था.
AI से काम बना आसान और प्रभावी
भारत उन देशों में शामिल है जो जेनरेटिव AI को सबसे तेजी से अपना रहे हैं. सर्वे के अनुसार, करीब 62 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी अपने काम में नियमित रूप से AI तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि AI से उनका काम न सिर्फ तेजी से पूरा होता है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है. वहीं, प्रबंधन और कर्मचारी दोनों मानते हैं कि AI की मदद से निर्णय लेना आसान हुआ है.
टैलेंट हेल्थ स्कोर में भी भारत अव्वल
सर्वे में भारत का टैलेंट हेल्थ स्कोर 82 दर्ज किया गया है, जो सभी देशों में सबसे अधिक है. यह स्कोर कर्मचारियों की संतुष्टि, कंपनी कल्चर, मिलने वाले इनाम और सीखने के अवसरों को दर्शाता है. इसके मुकाबले वैश्विक औसत स्कोर 65 रहा. रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अधिकतर कर्मचारी अपने मैनेजर से मिलने वाले भरोसे और अधिकारों से संतुष्ट हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है.
तेजी से अपनाया जा रहा है AI
ईवाई इंडिया के पार्टनर अनुराग मलिक ने कहा कि भारत ने AI को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है. कंपनियां अब तकनीक, कर्मचारियों की स्किल्स और उनके अनुभव के बीच संतुलन बनाने पर ध्यान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि AI का असली फायदा तभी मिलता है, जब इसका इस्तेमाल कर्मचारियों की क्षमता, सेहत और काम करने की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाए.



