RG कर रेप-मर्डर केस में कोर्ट के फैसले से पीड़िता के माता-पिता और सीएम ममता निराश, परिजनों का 17 लाख मुआवजा लेने से इनकार
- Posted on January 20, 2025
- देश
- By Bawal News
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कोलकाता के आरजी कर रेप-मर्डर मामले में सोमवार को सजा का ऐलान कर दिया गया है. कोर्ट ने दोपहर 2.45 में अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. जज अनिरबन दास ने कहा कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है. पीड़ित परिवार को उसकी मौत के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाना चाहिए.
कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को हुए रेप-मर्डर केस में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. दोषी संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन कोर्ट के फैसले से पीड़िता के माता-पिता और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी निराश हैं. माता-पिता ने 17 लाख मुआवजा लेने से भी इनकार कर दिया. संजय रॉय के लिए सजा का ऐलान करते वक्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस की श्रेणी में नहीं आता है. इसलिए इस मामले में वो अपराधी को उम्रकैद की सजा सुना रहे हैं. वहीं पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि वे दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि इस जघन्य कांड की जांच आधे-अधूरे मन से की गई है. इस अपराध में शामिल कई दोषियों को बचाया गया है. वे इंसाफ की मांग करते हुए हाई कोर्ट जाएंगे. पीड़िता की मां ने कहा, "हम स्तब्ध हैं. यह दुर्लभतम से दुर्लभतम मामला कैसे नहीं है? ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया. उसकी हत्या कर दी गई. हम निराश हैं. इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश थी."
फैसले से संतुष्ट नहीं, केस हमारे हाथ में होता तो मिलती फांसी की सजा : ममता बनर्जी
दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नाखुशी जाहिर की है. संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने पर उन्होंने असंतोष जताया और दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास होता तो निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती. ममता बनर्जी मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सीएम ने कहा कि हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई. राज्य पुलिस की ओर से जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई. मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं.
कोर्ट में खुद को निर्दोष बताता रहा संजय रॉय
सोमवार को कोर्ट में सजा पर सुनवाई के सीबीआई ने कोर्ट से मांग की कि अदालत दोषी को सर्वाधिक सजा दे. उसे ऐसी सजा मिले जो मिसाल बने. इस सजा को देखकर भविष्य में फिर कोई ऐसी घिनौनी और जघन्य अपराधन करने से पहले सौ बार सोचे. वहीं सुनवाई दौरान संजय रॉय जज के सामने गिड़गिड़ता रहा कि वह निर्दोष है. उसने कहा कि उसे फंसाया गया है. इस पर जज ने सीबीआई से सवाल किया कि वह क्या कहना चाहती है. जज ने संजय रॉय से पूछा कि तुम्हारे परिवार में कौन-कौन हैं? जवाब में उसने कहा कि मां है. फिर जज ने पूछा क्या वह तुमसे मिलने आती हैं. परिवार के लोग तुमसे मिलने आते हैं? वे क्यों नहीं आते? इस पर संजय रॉय ने कहा कि मुझ पर हिरासत में अत्याचार हुआ है.
सुबह 10.15 में जेल से बाहर लाया गया
इससे पहले संजय रॉय को सुबह करीब 10 बजकर 15 मिनट पर जेल से बाहर लाया गया और उसे अदालत लाने के दौरान पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद रहीं. सुनवाई के दौरान सियालदह अदालत में करीब 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और अधिकारियों ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हर संभव प्रयास किया है. हालांकि अत्यधिक संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद कई लोग अदालत परिसर में उमड़ पड़े और कुछ लोग दोषी को देखने के लिए रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश करते देखे गए. इससे पहले शनिवार को संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत के दोषी ठहराया गया था.
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