झारखंड विधानसभा चुनाव : 10-12 दिन में हो जाएगा इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग पर फैसला

मीर ने कहा कि वे लगातार सीएम हेमंत सोरेन समेत अन्य झामुमो नेताओं से संपर्क में हैं. कांग्रेस का टारगेट अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना नहीं बल्कि अधिक सीटों पर चुनाव जीतना लक्ष्य है.

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रांची : झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार भी कांग्रेस-झामुमो-राजद साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी. इंडिया गठबंधन की सीट शेयरिंग पर लंबे समय से बातचीत चल रही है. उम्मीद है अगले 10-12 दिन में सीट शेयरिंग पर फैसला हो जाएगा. सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि वे लगातार सीएम हेमंत सोरेन समेत अन्य झामुमो नेताओं से संपर्क में हैं. कांग्रेस का टारगेट अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना टारगेट नहीं है, बल्कि अधिक से अधिक विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत मिले यह लक्ष्य है.

 

नेताओं-कार्यकर्ताओं से लिया फिडबैक

 

गुलाम अमहद मीर रविवार देर शाम रांची पहुंचे थे. रात में उन्होंने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर चुनाव को लेकर चर्चा की. सोमवार को भी सुबह बैठकर कर उन्होंने नेताओं-कार्यकर्ताओं से फिडबैक लिया. इसके बाद वे जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए. उन्होंने कांग्रेस नेताओं को टॉस्क भी दिया. बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ कमेटी का भी गठन किया जाएगा. इसका खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया. साथ ही घोषणा पत्र तैयार करने के लिए जनता से रायशुमारी का भी निर्देश दिया गया.

 

मीर के दौरे के बाद कयासों के बाजार गर्म

 

गुलाम अहमद मीर का जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपनी व्यस्तता के बीच अचानक रांची आने को बेहद खास माना जा रहा है. मीर खुद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. वहां 18 सितंबर को मतदान है. इसके बावजूद उनका रांची आना कई कयासों को बल दे रहा है. हालांकि सीट शेयरिंग में बहुत कुछ बदलाव नहीं देखने को मिलेगा. कुछ एक जगह पर थोड़ा परिवर्तन जरुर देखने को मिल सकता है.

 

33 सीटों पर कांग्रेस का दावा

 

झारखंड में कांग्रेस ने इस बार 34 विधानसभा सीटों पर दावा किया है. उधर राजद ने 22 सीटों पर दावा ठोंक दिया है. झामुमो भी पिछली बार से अधिक सीटें चाह रहा है. 2019 में कांग्रेस ने 31 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 16 सीटों पर उसे जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 30 सीटें उसे मिली थी. राजद ने 7 सीटों पर लड़ा, लेकिन सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. विधानसभा चुनाव के बाद हुए रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद वह सीट आजसू के पास चली गई, वहीं मांडर और पोड़ैयाहाट के विधायक कांग्रेस के पाले में आ गये, बीजेपी विधायक जेपी पटेल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये. चुनाव के बाद कांग्रेस की दो सीटें बढ़ी इसलिए कांग्रेस इस बार 33 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है.

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