Axiom-4 Mission: स्पेस स्टेशन से आज शाम 4.35 में धरती के लिए रवाना होंगे शुभांशु, कल कैलिफोर्निया तट पर स्पैलशडाउन
- Posted on July 14, 2025
- देश
- By Bawal News
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Axiom-4 Mission: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद भारत के शुभांशु शुक्ला और 3 अन्य अंतरिक्ष यात्री आज धरती के लिए रवाना हो रहे हैं. Axiom-4 मिशन में शामिल अंतरिक्ष यात्री आज भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में बैठकर धरती के लिए उड़ान भरेंगे. लगभग 22-23 घंटे की उड़ान के बाद यह ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट अमेरिका के कैलिफोर्निया में समुद्री तट के पास स्प्लैशडाउन करेगा. इस मिशन के चालक दल में कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला के साथ-साथ मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस्ज उज़्नान्स्की-विल्निविस्की तथा टिबोर कापू शामिल हैं. उधर शुभांशु शुक्ला के माता-पिता ने भोलेनाथ से उनके सकुशल धरती पर उतरने की प्रार्थना की है. उन्होंने कहा कि हम भव्य स्वागत के लिए तैयार हैं.
60 से ज्यादा साइंस एक्सपेरिमेंट्स डाटा लाएंगे
NASA ने बताया है कि इस मिशन में शामिल एस्ट्रोनॉट्स कई दुर्लभ और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सामग्रियां अंतरिक्ष से लेकर लौट रहे हैं. इनमें 580 पाउंड (करीब 263 किलो) के वैज्ञानिक उपकरण, नासा का स्पेस हार्डवेयर और 60 से अधिक साइंस एक्सपेरिमेंट्स के डेटा शामिल हैं. ये प्रयोग अंतरिक्ष में किए गए हैं और भविष्य की स्पेस टेक्नोलॉजी व मेडिकल साइंस के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत रूस के सैल्यूट-7 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी. अब शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं.
25 जून को लॉन्च हुआ था ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट
Axiom-4 मिशन के तहत ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद, 26 जून को यह यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा था. यही ड्रैगन कैप्सूल Axiom-4 मिशन पर गये सभी अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाएगा.
ऐसा है ड्रैगन कैप्सूल
ड्रैगन एक दोबारा इस्तेमाल होने वाला अंतरिक्ष यान यानि कैप्सूल है. इसको एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने बनाया है. इसका काम अंतरक्षीय यात्रियों को और सामान को धरती से स्पेस स्टेशन तक लेकर जाना और सुरक्षित लौटाकर लाना है. यह एक स्पेसक्राफ्ट है, लेकिन इसका शेप कैप्सूल की तरह होता है. इसीलिए इसको ड्रैगन कैप्सूल भी कहा जाता है. SpaceX साइट की मानें तो ड्रैगन ने अब तक कुल 51 मिशन पूरे किए हैं. इसके पहले यह 46 बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक जाकर वापस आया है. वहीं 31 बार धरती पर वापस आने के बाद इसने फिर से अंतरिक्ष यात्रा की है. ड्रैगन एक बार में सात अंतरिक्ष यात्रियों को अर्थ ऑर्बिट तक और उसके आगे लेकर जाने के लिए सक्षम है. ड्रैगन की ऊंचाई 8.1 मीटर और चौड़ाई 4 मीटर है. लॉन्च होते वक्त इसके पेलोड का वजन 6000 किलो तक होता है, वहीं जब यह धरती पर वापस आता है तो इसका वजन 3000 किलो हो जाता है. इसमें 8 सुपरड्रेकोज हैं, जो कि अंतरिक्ष यान के लॉन्च एक्केप सिस्टम को ताकत देते हैं.
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