झारखंड में टूटी सालों पुरानी परंपरा, मोरहाबादी में राज्यपाल ने किया ध्वजारोहण
- Posted on August 15, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Ranchi: राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में इस बार ध्वजारोहण राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा झंडोत्तोलन की वर्षों से चली आ रही परंपरा में बदलाव देखने को मिला. राज्यपाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि -
15 अगस्त 1947 को हमने न केवल विदेशी शासन से मुक्ति पाई, बल्कि अपनी नियति स्वयं तय करने का अधिकार भी प्राप्त किया। आज हमारा देश विभिन्न क्षेत्रों में लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है और विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सशक्त नेतृत्व में भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
21 वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से परिपूर्ण है, जो सतत् विकास के मार्ग पर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। देश की इसी विकास यात्रा के साथ हमारा झारखण्ड भी अपने मजबूत इरादों और अथक प्रयासों से निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
आज देश और दुनिया झारखण्ड की ओर देख रही है। आज हमारे झारखण्ड में अवसरों की कोई कमी नहीं है। चाहे आधारभूत संरचना में निवेश हो, ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने की बात हो, उद्योगों में नवाचार की पहल हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्नति हो या कृषि में नए सुधारों को लागू करने की बात हो या खेल के क्षेत्र की बात हो, हर क्षेत्र में आज नए अवसर हम सबके सामने हैं।
हमारा प्रदेश आज देश के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के अनेक महत्वपूर्ण सूचकांकों में सुधार करते हुए झारखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इस प्रगति के सफर में यहाँ के युवाओं, किसानों, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका रही है।
किसी भी राज्य के समग्र विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था अनिवार्य है। प्रदेश में भाईचारा, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखना तथा कानून-व्यवस्था को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। समाज के सहयोग से सरकार इस उद्देश्य में सफल रही है। नक्सलवाद एवं आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। भू-माफियाओं, अवैध वन कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, बिजली चोरी और संगठित अपराध के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी है और भविष्य में भी जारी रहेगी। इन प्रयासों के फलस्वरूप अब तक 197 नक्सली गिरफ्तार हुए, 17 नक्सली मारे गए और 10 द्वारा आत्मसमर्पण किया गया। राज्य में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ हमारी सरकार हर नागरिक के वैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके साथ ही, देश के व्यापक हित में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पुराने ब्रिटिश कालीन कानूनों को समाप्त कर तीन नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं। इन कानूनों का मुख्य उद्देश्य दोषियों को सजा दिलाना और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करना है। यह देश की कानून-व्यवस्था में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम है, जिससे झारखण्ड सहित समस्त प्रदेशों में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ करने में मदद मिली है।
मादक पदार्थों का सेवन एक जटिल और बहुआयामी समस्या है, जिसने सदियों से हमारे समाज को त्रस्त किया है। मादक पदार्थों की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण हेतु राज्य केसरकारी कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में 10 जून से 26 जून, 2025 तक व्यापक राज्यव्यापी जागरुकता अभियान चलाया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में अफीम की अवैध खेती पर कड़ा प्रहार करते हुए, हमारी सरकार ने हजारों एकड़ भूमि पर लगाई गई इन फसलों को नष्ट किया है।
अर्थव्यवस्था को आकार देने में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि हमारे जीवनदाता भी हैं। उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आजीविका सुधारने के लिए हमारी सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट वितरित किए जा रहे हैं। कृषि ऋण माफी योजना के तहत राज्य के लगभग पाँच लाख किसानों का 2,300 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर उन्हें आर्थिक राहत प्रदान की गई है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के तहत हर पात्र किसान को प्रति वर्ष सीधे आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों को समय पर सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि को सशक्त बनाने के लिए सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है।
राज्य के किसानों की आय में वृद्धि और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मत्स्य उत्पादन को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य, मत्स्य मित्र एवं मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से लगभग 1,275 करोड़ मत्स्य बीज के उत्पादन की ओर अग्रसर है। सरकार द्वारा इन्हें मत्स्य स्पॉन, फिश फीड (Fish Feed) तथा फ्राय कैचिंग नेट (Fry Catching Net) अनुदान पर उपलब्ध कराएजा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि वर्ष 2024-25 में राज्य में 3.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक मछली का उत्पादन हुआ है।
राज्य में किसी भी नागरिक की मृत्यु भूख से न हो, इस हेतु हमारी सरकार सचेष्ट है। 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम' के तहत राज्य के 2.6 करोड़ लाभुकों को मुफ्त चावल एवं गेहूँ उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 'पीवीटीजी डाकिया योजना' के माध्यम से राज्य के लगभग 75 हजार लाभुक परिवारों को 35 किलोग्राम चावल प्रति परिवार प्रति माह उनके घर तक बंद पैकेट में, निःशुल्क पहुँचाया जा रहा है।
मानव समाज ने वनों के महत्व को अनदेखा करने की मूल की है, जबकि वन हमारे जीवनदाता हैं। वनों ने ही इस धरती पर मानव अस्तित्व को सुरक्षित रखा है। हमें यह समझना होगा कि हम इस प्राकृतिक धरोहर के स्वामी नहीं, बल्कि इसके संरक्षक हैं। राज्य सरकार इस दायित्व को भली-भाँति समझते हुए 'मुख्यमंत्री जन-वन योजना' के माध्यम से ग्रामीणों को अपनी निजी भूमि पर फलदार एवं काष्ठ प्रजातियों के पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। सरकार की सकारात्मक सोच का ही परिणाम है कि राज्य के वनावरण में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक 34 लाख परिवारों को घरेलू जल संयोजन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है। झारखण्ड के 2,700 से अधिक गाँव 'हर घर जल' गाँव घोषित हो चुके हैं। पेय जल की गुणवत्ता सुनिश्चित रखने के लिए सभी गाँवों में फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराया जा रहा है।
झारखण्ड को पूर्ण स्वच्छ राज्य बनाने में सरकार के साथ हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 48 लाख से अधिक व्यक्तिगत व 1275 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। स्वच्छता के प्रति जनता की सक्रिय सहभागिता के परिणामस्वरूप स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में झारखण्ड के जमशेदपुर को 03 से 10 लाख जनसंख्या के श्रेणी में देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है तथा बुण्डू नगर पंचायत को Promising स्वच्छ शहर के रूप में सम्मान प्राप्त हुआ है।
सड़क परिवहन न केवल आर्थिक विकास बल्कि सामाजिक विकास, रक्षा क्षेत्रों और जीवन के लिए बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुँच का भी आधार है। अच्छी सड़कों के बिना विकास की बात बेमानी है। हमारी सरकार ने विगत वित्तीय वर्ष में कुल 2075 कि.मी. पथ तथा 9 पुल निर्माण का कार्य पूर्ण किया है। राज्य में 13,000 करोड़ की लागत से लगभग 3,800 कि.मी. सड़क निर्माण की योजना प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से 1624 कि.मी. सड़क व ग्राम सेतु योजना से 158 पुलों का निर्माण पूर्ण हुआ।
हमारी सरकार राज्य के समावेशी आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें उद्योगों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य में टेक्सटाइल, अपैरल एवं फुटवियर नीति को और अधिक आकर्षक तथा निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है। इससे अधिक से अधिक कंपनियाँ निवेश कर सकेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। MSME सहित व्यवसायों के लिए व्यापार को सुगम बनाने हेतु Business Reform Action Plan (BRAP), Reducing Compliance Burden (RCB), Single Window System Upgradation तथा नियामक अनुपालनों को समाप्त करने जैसी पहलें की जा रही हैं।
बेरोजगारी कई समस्याओं की जड़ है। सरकार बेरोजगारी और पलायन रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रही है। एक ओर सरकारी क्षेत्र के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य के होनहार युवाओं को प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। हमारी सरकार लघु एवं कुटीर उद्योगों तथा स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहयोग देकर स्वरोजगार को प्रोत्साहित कर रही है। 'मुख्यमंत्री श्रमिक योजना' के अन्तर्गत अब तक 1.21 लाख परिवारों को जॉब कार्ड प्रदान करते हुए 35 लाख मानव बल दिवस का सृजन किया गया है।
"सर्वे सन्तु निरामया" के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बीमारी की स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए "मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य योजना" के तहत लाल, पीला व हरा राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष 15 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए मेडिकल शिक्षा के विस्तार हेतु पीपीपी मोड पर पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, गिरीडीह, देवघर, जामताड़ा और धनबाद में नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार सुपर स्पेशियलिटी RIMS-2 का निर्माण करा रही है, जिसके लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
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