धनबाद में पारंपरिक हथियारों के साथ उतरे आदिवासी, कुर्मी आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन, घंटों सड़क जाम

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (14)-J7Fu1Yv3v1.jpg

Dhanbad: धनबाद में सोमवार को कुर्मी जाति को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने के विरोध में आदिवासी समाज द्वारा एक विशाल आक्रोश महारैली निकाली गई. रैली में आदिवासी पुरुष और महिलाएं पारंपरिक हथियार, झंडे और तख्तियों के साथ सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया. गोल्फ ग्राउंड से ढोल-नगाड़ों के साथ शुरू हुई यह रैली उपायुक्त कार्यालय की ओर बढ़ी. रैली के माध्यम से आदिवासी समुदाय ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे कुर्मी जाति को ST में शामिल करने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करेंगे.

कुर्मी को ST में शामिल करना, आदिवासियों के अधिकार छीनना होगा
आदिवासी समान्य समिति धनबाद के सदस्य वीरेन हांसदा ने कहा कि कुर्मी जाति को ST सूची में शामिल करना आदिवासी समुदाय के हक और अधिकारों को छीनने जैसा है. उन्होंने दावा किया कि राज्य भर के आदिवासी इस मुद्दे पर एकजुट हैं और सरकार की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध करेंगे.

17 आदिवासी संगठनों की भागीदारी
आदिवासी समाज के गोविंद टुडू ने बताया कि इस महारैली में जिले के 17 आदिवासी संगठनों ने भाग लिया. उनका कहना है कि कुर्मी समाज आदिवासी नहीं है, और वे जबरन आदिवासी बनने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे आदिवासी समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा.

जल, जंगल और जमीन के रक्षक हैं आदिवासी
आदिवासी नेताओं ने दावा किया कि आदिवासी सदियों से जंगलों में रहकर जल, जंगल और जमीन की रक्षा करते आए हैं, जबकि कुर्मी समाज का ऐसा कोई इतिहास नहीं रहा है. 20 सितंबर को कुर्मी समाज द्वारा रेल रोको आंदोलन का भी आदिवासी समाज ने विरोध किया है.

ST दर्जा देने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
सोनोत संताल समाज टुंडी प्रखंड के विनोद हांसदा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार कुर्मी समाज को ST का दर्जा देने की कोई पहल करती है तो पूरे राज्य में जोरदार आंदोलन होगा. गांव से लेकर शहर तक व्यापक विरोध देखने को मिलेगा.

शहर में भयानक जाम, आम लोगों को हुई परेशानी
महारैली के कारण शहर के गोल्फ ग्राउंड, सिटी सेंटर और धैया रोड पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया. लगभग दो घंटे तक लोग जाम में फंसे रहे, जिससे स्कूली छात्रों समेत आम नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

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