पाकिस्तान की सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा ने पाकिस्तानी सेना को खुली चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें मारने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, तो वे उन पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के नाम उजागर कर देंगे, जो पिछले दो महीनों से चीन में मौजूद हैं. आदिल रजा ने यह बातें एक वीडियो संदेश के जरिए कही हैं, जिसमें उन्होंने कई सनसनीखेज दावे किए हैं.
आदिल रजा के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रूस में एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तकनीक चुराने के लिए अपने एजेंट भेजे थे, लेकिन वे वहां पकड़े गए. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसके पास प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम नहीं हैं और चीन नए एयर डिफेंस सिस्टम देने से इनकार कर रहा है.
आदिल रजा ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में पाकिस्तान का 70 प्रतिशत से अधिक एयर डिफेंस नेटवर्क तबाह हो गया था. उस समय पाकिस्तान चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9B का इस्तेमाल कर रहा था, जो ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह विफल रहा. भारतीय वायुसेना के ड्रोन हमलों में लाहौर स्थित HQ-9B सिस्टम के रडार को भी नष्ट कर दिया गया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार चीन से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की कोशिश कर रहा है, लेकिन चीन इस मांग को स्वीकार नहीं कर रहा.
पुतिन और शहबाज शरीफ की मुलाकात पर दावा
आदिल रजा ने दावा किया कि पाकिस्तान के कुछ अधिकारी केवल दो सप्ताह के लिए चीन गए थे, लेकिन वे पिछले दो महीनों से वहीं रुके हुए हैं. इसके बावजूद चीन पाकिस्तान को एयर डिफेंस सिस्टम देने को तैयार नहीं है. उन्होंने पाकिस्तानी सेना को चेतावनी दी कि यदि उन्हें निशाना बनाया गया, तो वे चीन में मौजूद उस पूरी टीम के अधिकारियों के नाम सार्वजनिक कर देंगे.
आदिल रजा का कहना है कि पाकिस्तान के पास एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. साथ ही, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम में कई रूसी पुर्जों का इस्तेमाल होता है, इसी वजह से चीन पाकिस्तान को यह सिस्टम देने से बच रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी कारण आईएसआई ने एस-400 तकनीक हासिल करने के लिए अपने एजेंट रूस भेजे थे, जहां वे पकड़े गए.
आदिल रजा ने यह भी दावा किया कि इसी मामले की वजह से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को लंबे समय तक इंतजार करवाया और बाद में उनसे मिलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि एर्दोगन और पुतिन की बैठक के दौरान शहबाज शरीफ जबरन बीच में पहुंचे और सफाई देने की कोशिश करते नजर आए.
इसके अलावा, आदिल रजा ने पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमानों की मरम्मत को लेकर मिलने वाले अमेरिकी फंड पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस फंडिंग को बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि यह समझौता वर्ष 2022 में बाइडेन प्रशासन के दौरान ही हो चुका था. साथ ही उन्होंने दावा किया कि एफ-16 विमानों में जो अमेरिकी सिस्टम लगाया जा रहा है, वह सर्विलांस के लिए है, ताकि अमेरिका हर समय पाकिस्तानी एफ-16 की गतिविधियों पर नजर रख सके.




