आरके सिंह ने राज्य सरकार पर लगाया 62 हजार करोड़ के बिजली घोटाला का आरोप! सीबीआई जांच की मांग

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (15)-Kh8Ay3qvk8.jpg

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राज्य सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है और मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.

आरके सिंह का दावा है कि यह घोटाला बिहार सरकार के बिजली विभाग और अदाणी समूह के बीच हुए बिजली खरीद समझौते से जुड़ा है, जिसके जरिये “राज्य की जनता के साथ बड़ा धोखा” किया गया. उनके इन आरोपों ने चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है.

उन्होंने कहा कि थर्मल प्लांट की फिक्स कॉस्ट प्रति मेगावॉट करीब ₹10 करोड़ होती है, जिससे बिजली की दर लगभग ₹2.75 प्रति यूनिट बनती है. लेकिन राज्य सरकार ने यही बिजली ₹4.16 प्रति यूनिट की ऊंची दर पर खरीदने का समझौता किया. आरके सिंह के अनुसार, “यह सौदा बिहार के कुछ प्रभावशाली मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है,” जो सीधे तौर पर जनता के धन की हानि है.

पूर्व ऊर्जा मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अदाणी समूह को परियोजना के लिए बाजार दर से कई गुना सस्ती जमीन दी गई. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित निवेश के आंकड़े वास्तविकता से मेल नहीं खाते - घोषित और वास्तविक लागत में बड़ा अंतर है, जिससे पूरी परियोजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं.

आरके सिंह के इस बयान के बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. कांग्रेस नेताओं पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए और कहा कि “एनडीए में अब केवल आरके सिंह ही सच बोलने की हिम्मत दिखा रहे हैं.”

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