झारखंड में रेमडेसिविर घोटाला : मेडी सेल्स और मेसर्स हरिहर को दिये 6990 इंजेक्शन, 6782 शीशियां एक्सपायर और 53000 पड़े रहे बेकार
- Posted on February 28, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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कोविड के दौर में जब झारखंड में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी थी तब यहां हो रहा था खेल. लोग तड़प रहे थे. मर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कर रहा था इंजेक्शन की कालाबाजारी. बड़े पैमाने पर हो रही थी अनियमितता. 2 प्राइवेट एजेंसियों को इंजेक्शन भेजे गये. जिला अस्पतालों में 6782 इंजेक्शन एक्सपायर हो गये.

रांची : कोविड काल का वह खौफनाक मंजर याद करिये. जब लोग दम तोड़ रहे थे. जिंदगी बचाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए लोग दौड़ रहे थे. इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही थी. उस वक्त झारखंड के हो रहा था रेमडेसिविर का घोटाला. नामकुम स्थित सेंट्रल वेयरहाउस में रेमडेसिविर की 1 लाख 64 हजार 761 शीशियां उपलब्ध थी. इनमें से एक लाख 11 हजार 556 शीशियां राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों को भेजा गया था. जिला अस्पतालों को बिना असेस्मेंट शीशियां भेजी गई थी. कई अस्पतालों में जरूरत से ज्यादा तो कहीं कम भेजी गई थी. धनबाद, दुमका, गढ़वा, गुमला, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा जिले को 15514 शीशियां भेजी गई थी. जांच में पता चला कि इनमें से सिर्फ 6782 शीशियां स्वास्थ्य केंद्रों में बांटी गई, जबकि 5256 शीशियां एक्सपायर कर गई. वहीं 3376 शीशियां कोविड खत्म होने के बाद भी गोदाम में पड़ी हुई थी. झारखंड में रेमडेसिविर घोटाला का खुलासा सीएजी की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि रेमडेसिविर के वितरण में भारी गड़बड़ी हुई है. सेंट्रल वेयरहाउस के रजिस्टर में दर्ज किया गया कि 6990 शीशियां रांची के ड्रग कंट्रोलर को आपूर्ति की गई थी, जबकि डिलीवरी चालान से यह पता चलता है कि 6990 शीशियों में 2040 इंजेक्शन रांची के मैसर्स मेडी सेल्स इंडिया और 4950 इंजेक्शन मेसर्स हरिहर मेडिकल एजेंसी को जारी किये गये थे.
कोविड प्रबंधन की सिर्फ 32 फीसदी राशि का उपयोग हुआ
इतना ही नहीं गड़बड़ी और भी है सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन सोसाइटी को कोविड प्रबंधन के लिए 436.97 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन 2019-20 से 2021-22 के बीच सिर्फ 137.65 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके. यानी कुल राशि का मात्र 32% ही उपयोग किया गया. भारत सरकार ने 483.54 करोड़ रुपये जारी किए थे. राज्य सरकार को 272.88 करोड़ रुपये देने थे, जिससे कुल 756.42 करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ. लेकिन, झारखंड सरकार ने केंद्र की 291.87 करोड़ और राज्य की 145.10 करोड़ राशि जारी की, जिससे कुल 436.97 करोड़ रुपये का ही उपयोग हुआ. रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त 2022 तक राज्य सरकार ने केंद्र का 191.67 करोड़ रुपये जारी ही नहीं किया.
आपदा प्रबंधन फंड का भी पूरा इस्तेमाल नहीं
सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने मार्च 2020 से दिसंबर 2021 के बीच 754.61 करोड़ रुपये जारी किए थे. लेकिन फरवरी 2022 तक सिर्फ 539.56 करोड़ रुपये का ही उपयोग हुआ. कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि फंड का सही इस्तेमाल नहीं होने से कोविड-19 प्रबंधन प्रभावित हुआ. कई महत्वपूर्ण सुविधाएं समय पर नहीं बन सकीं, जैसे- जिला स्तर पर आरटी-पीसीआर लैब नहीं बनी. रांची में शिशु चिकित्सा उत्कृष्टता केंद्र स्थापित नहीं हो सका. सीएचसी, पीएचसी और एचएससी में पूर्वनिर्मित संरचनाओं का निर्माण अधूरा रहा. तरल चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना नहीं हो पाई.
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