रांची के दवा कारोबारी ने वाराणसी में बेचे 100 करोड़ के अवैध कफ सिरप, 28 पर केस दर्ज

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (9)-idqXl6mW1F.jpg

Ranchi: वाराणसी में कोडीन फॉस्फेट युक्त कफ सिरप की अवैध बिक्री का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है, जिसकी कड़ी रांची तक जुड़ती पाई गई है. जांच में पता चला कि रांची स्थित थोक दवा कंपनी मेसर्स शैली ट्रेडर्स ने उत्तर प्रदेश के 93 थोक विक्रेताओं को लगभग 100 करोड़ रुपए की प्रतिबंधित फेंसीडील (Phensedyl) कफ सिरप सप्लाई की. इनमें केवल वाराणसी के ही 26 दवा विक्रेता शामिल थे. यह पूरा गिरोह नशे की लत वाले लोगों तक अवैध रूप से यह कफ सिरप पहुंचा रहा था.

इस पूरे खुलासे के बाद ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शनिवार देर शाम कोतवाली थाने में 28 दवा विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. इनमें मुख्य आरोपियों के रूप में भोला प्रसाद और उनके बेटे शुभम जायसवाल के नाम शामिल हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तेजी से छापेमारी कर रही है.

बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोडीन युक्त कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत के मामलों के बाद औषधि प्रशासन विभाग पूरे प्रदेश में कफ सिरप के स्टॉक की व्यापक जांच कर रहा था. इसी दौरान जानकारी मिली कि रांची के शैली ट्रेडर्स ने 2023–25 के बीच ऐबट हेल्थकेयर से लगभग 89 लाख रुपये की फेंसीडील खरीदी थी. इसके बाद भोला प्रसाद और शुभम जायसवाल ने वाराणसी सहित प्रदेश के 93 दवा थोक विक्रेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य की कफ सिरप सप्लाई की. सिर्फ वाराणसी के 26 मेडिकल स्टोरों में ही करीब 50 करोड़ रुपये की सप्लाई की गई थी.

वाराणसी में इस अभियान की अगुवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त ने की. जांच के दौरान कई विक्रेताओं के पास बिक्री से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. इसके बाद रांची के 2 और वाराणसी के 26 दवा थोक विक्रेताओं के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया.

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