गैंगस्टर सुजीत सिन्हा मेदिनीनगर से साहिबगंज जेल शिफ्ट, मयंक सिंह को रामगढ़ से जमशेदपुर जेल भेजा जाएगा

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (90)-xLf97I3nO4.jpg

Ranchi: झारखंड के जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों और गैंगस्टरों को सुरक्षा कारणों से दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है. झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा को मेदिनीनगर सेंट्रल जेल से साहिबगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया है, वहीं इंटरनेशनल क्रिमिनल मयंक सिंह को भी जल्द धनबाद से जमशेदपुर जेल शिफ्ट किया जाएगा. पुलिस-प्रशासन संयुक्त निगरानी में शनिवार को सुजीत सिन्हा को साहिबगंज जेल भेजा गया. इस दौरान जेल परिसर और रास्तों पर पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई थी. जेल प्रशासन ने सुरक्षा और गैंग से जुड़े संभावित आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए स्थानांतरण का निर्णय लिया. सुजीत सिन्हा पर झारखंड के कई जिलों में हत्या, रंगदारी, वसूली और सुपारी किलिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. सुजीत सिन्हा कई वर्षों से जेल में बंद है, लेकिन जेल से भी अपने गिरोह के संचालन के आरोप उस पर लगते रहे हैं.

सुरक्षा कारणों से मयंक को किया जाएगा शिफ्ट

उधर धनबाद जेल में बंद इंटरनेशनल क्रिमिलन मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को जल्द जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में जेल आईजी द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. सुरक्षा कारणों से रामगढ़ जेल प्रशासन ने उसे वहां रखना जोखिम भरा माना. इसके बाद प्रशासन ने उसे अति सुरक्षित घाघीडीह जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की, जिसे जेल आईजी ने मान लिया और प्रक्रिया शुरू कर दी है. मयंक सिंह को अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर झारखंड लाया गया था. वह विदेश से गिरफ्तार होने वाला झारखंड का पहला अपराधी है. प्रत्यर्पण के बाद, उसे रामगढ़ जेल में रखा गया था.

लारेंस बिश्नोई और अमन साव से था संबंध

मयंक सिंह राजस्थान का रहने वाला है और वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साव के साथ आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था. पिछले पांच सालों तक पुलिस को यह नहीं पता था कि मयंक सिंह का असली नाम क्या है, लेकिन एटीएस की टीम ने कई प्रयासों के बाद उसकी पहचान सुनील मीणा के रूप में की. मयंक मलेशिया में बैठकर भारत में गैंग संचालन कर रहा था और सोशल मीडिया के जरिए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. झारखंड पुलिस के मुताबिक, मयंक सिंह के खिलाफ राज्य भर में 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश मामले हजारीबाग जिले में हैं. इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह जिलों में भी उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं.

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