15 अगस्त को झारखंड की डॉ. मेघा रानी को मिलेगा “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025”
- Posted on August 12, 2025
- देश
- By Bawal News
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New Delhi: स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025” का आयोजन किया जा रहा है. YSS फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा. इस बार रिटायर्ड सेना अधिकारियों की उच्चस्तरीय समिति ने देशभर से 100 विशिष्ट व्यक्तित्वों का चयन किया है, जिन्होंने समाजसेवा, शिक्षा, चिकित्सा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, साहित्य, संस्कृति और ग्रामीण विकास जैसे विविध क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान दिया है. झारखंड की लेखिका डॉ मेघा रानी का भी चयन किया गया है. उन्हें उनके साहित्यिक एवं सामाजिक योगदान के लिए “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया जाएगा.
डॉ. मेघा रानी पिछले सात वर्षों से साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता और मानवीय संवेदनाओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत कर रही हैं. उनका लेखन नारी विमर्श, सामाजिक यथार्थ, और कृष्ण भक्ति जैसे विषयों को समर्पित रहा है.
डॉ. मेघा रानी की चर्चित रचनाएं–
“शाश्वत सृजन”
“अस्तित्व: एक नारी का”
“श्रीकृष्ण लीला” (को-राइटर)
“श्रीकृष्ण लीला” को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और OMG बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त हुआ है, जो उनके लेखन की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है.
डॉ. मेघा रानी को प्राप्त प्रमुख सम्मान:
मानद डॉक्टरेट उपाधि – WHRPC (भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त)
Stree One India Engaging Literature Award 2022
International Education Awards 2022
Indian Icon Awards 2023 – MTTV India
International Golden Leadership Award 2023
अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान 2023
Jharkhand Icon Awards 2023
Story Line India Achievers Award 2024
India National Award 2024– Police Public Reporter
इसके अतिरिक्त, उन्हें “नारी सम्मान”, “विश्व रत्न सम्मान”, और “राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार” जैसे कई अन्य प्रतिष्ठित अलंकरण भी प्राप्त हो चुके हैं.
लेखन यात्रा: संघर्ष से सृजन तक
डॉ. मेघा रानी की लेखनी की शुरुआत एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना के बाद हुई, जिसने उनके जीवन की दिशा को पूरी तरह बदल दिया. उस विपत्ति को उन्होंने अपनी प्रेरणा बना लिया और लेखन को एक साधना के रूप में अपनाया. कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी अभिव्यक्ति और भी प्रगाढ़ हुई, और उन्होंने लेखन को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का माध्यम बनाया. वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं से जुड़ी रही हैं, और उनके लेख नेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किए जा चुके हैं.
बधाईयों का तांता लगा
डॉ. मेघा रानी को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. युवा सामाजिक कार्यकर्ता अनिल अमिताभ पन्ना ने डॉ. मेघा रानी को बधाई देते हुए कहा कि “यह झारखंड के लिए अत्यंत गौरव का विषय है. डॉ. मेघा रानी की लेखनी नारी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और आध्यात्मिक चेतना को एक नई दिशा देती है. उनका यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा.”
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