परमाणु डिजाइन बेचने और जाली पासपोर्ट रखने के आरोप में जमशेदपुर का आदिल हुसैनी गिरफ्तार

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (30)-Oxs90xgrxX.jpg

दिल्ली पुलिस की एंटी-टेरर यूनिट (स्पेशल सेल) ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप है. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान 59 वर्षीय आदिल हुसैनी के रूप में हुई है. पुलिस का कहना है कि आदिल न केवल आईएसआई से जुड़ा था, बल्कि ईरान और रूस के परमाणु नेटवर्क से संपर्क में भी था.

क्या हैं आरोप?

सूत्रों के मुताबिक, आदिल हुसैनी ने एक रूसी वैज्ञानिक से मिले न्यूक्लियर डिजाइन को ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) के एजेंट को बेचा था. यह भी शक है कि उसने भारत के परमाणु प्रतिष्ठान (BARC) के एक कर्मचारी से संपर्क साधने की कोशिश की थी. इस गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट पर हैं और जांच में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय परमाणु जासूसी नेटवर्क की आशंका जताई जा रही है.

आदिल तक कैसे पहुंची पुलिस

आदिल की गिरफ्तारी दिल्ली के सीमापुरी से हुई, जब उसके आईएसआई हैंडलर्स से संबंधों का पता चला. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पता चला है कि उसका भाई भी हाल ही में मुंबई से गिरफ्तार हुआ था. दोनों भाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) के वैज्ञानिक बनकर फर्जी पहचान पत्र बनवाने में शामिल थे.

‘रूसी वैज्ञानिक से डिजाइन लेकर ईरानी एजेंट को बेचा’

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार, आदिल और उसका भाई विदेशी एजेंसियों को संवेदनशील जानकारी देते रहे हैं. जांच में सामने आया है कि आदिल ने रूसी वैज्ञानिक से प्राप्त परमाणु डिजाइन ईरानी एजेंट को बेच दिए थे. मामले की जांच जारी है. एडिशनल कमिश्नर (स्पेशल सेल) प्रमोद कुशवाहा ने फिलहाल इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है. बताया गया है कि आदिल पिछले कई सालों से दुबई और अन्य देशों में रह रहा था.

दुबई में प्रॉपर्टी और फर्जी दस्तावेज

जांच एजेंसियों के मुताबिक, आदिल ने ईरानी एजेंटों से हुई डील से मिले पैसे को दुबई में संपत्ति खरीदने में लगाया था. मूल रूप से जमशेदपुर (झारखंड) का रहने वाला आदिल करीब 20 साल पहले अपने परिवार के साथ दिल्ली के सीमापुरी में आकर बस गया था. पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी यात्रा दस्तावेज बरामद किए हैं.

कई पहचानें, कई पासपोर्ट

पुलिस के अनुसार, आदिल हुसैनी कई नामों से सक्रिय था - सैयद आदिल हुसैन, मोहम्मद आदिल हुसैनी, और नसीमुद्दीन. वह और उसका भाई नकली दस्तावेजों के जरिए कई भारतीय पासपोर्ट बनवाने में शामिल थे. छापेमारी में पुलिस को एक असली और दो फर्जी पासपोर्ट मिले हैं.

अदालत में पेशी और पुलिस रिमांड

आदिल को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसने इन फर्जी पासपोर्टों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान समेत कई देशों की यात्राएं की थीं.

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