हेमंत का ब्यूरोक्रेसी में स्वच्छता पर जोर... उत्पाद में विवादितों से किनारा, साफ छवि वालों की पोस्टिंग
- Posted on June 19, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Ranchi : झारखंड में पिछले कुछ दिनों में बड़े पैमाने पर IAS-IPS अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई है. ब्यूरोक्रेट्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग कोई नई बात नहीं है. नई बात ये है कि हेमंत सरकार झारखंड के ब्यूरोक्रेसी में स्वच्छता पर जोर दे रही है. सरकार विवादित अफसरों को दरकिनार कर साफ और ईमानदार छवि वाले IAS-IPS पर भरोसा जता रही है. हाल के दिनों में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग इस बात की तस्दीक करते हैं. बुधवार को हुए IAS ट्रांसफर-पोस्टिंग को ही ले लें. हेमंत सरकार ने अपने सबसे विवादित उत्पाद विभाग में बड़ा बदलाव किया है. उत्पाद एक ऐसा विभाग है जो हमेशा सरकार के भरोसेमंद अफसरों के पास रहा है. कभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद खास रहे आईएएस विनय चौबे के पास यह विभाग था. फिर मनोज कुमार को इसका जिम्मा दिया गया, लेकिन इन सभी अफसरों पर गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगे. कथित शराब घोटाला को लेकर विनय चौबे जेल में हैं. मनोज कुमार भी ACB की रडार में है.
अफसरों पर लगे आरोपों के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सरकार की खूब बदनामी हो रही है. विपक्ष भी सरकार पर हमले का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. ऐसे में हेमंत सरकार ने इस बार उत्पाद विभाग के विवादों से बचने और रेवेन्यू बढ़ाने के लिए दो नये अफसरों को चुना है. आईएएस अमिताभ कौशल उत्पाद विभाग के सचिव और आईएएस रविशंकर शुक्ला विभाग के निदेशक बनाये गये हैं.
2001 बैच के आईएस अमिताभ कौशल वाणिज्य कर विभाग में सचिव के पद पर कार्यरत हैं. इन्हें सरकार ने उत्पाद विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. अमिताभ कौशल खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले, आईपीआरडी, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों के सचिव के पद पर पदस्थापित रह चुके हैं. इमानदारी और अपने तेवर के लिए आईएएस लॉबी में जाने जाते हैं. वहीं उत्पाद आयुक्त बनाये गये रविशंकर शुक्ला 2011 बैच के तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी हैं. ये मूल रूप से यूपी के देवरिया जेले के रहने वाले हैं. शुक्ला पदस्थापन के लिए प्रतीक्षारत थे. इससे पहले वे सरायकेला-खरसावां के डीसी भी रह चुके हैं. सरायकेला-खरसावां का डीसी रहते शुक्ला को बेहतर कार्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मानित कर चुके हैं. वे लातेहार और दुमका जिले के भी उपायुक्त रह चुके हैं.
इन दोनों अफसरों पर किसी तरह के आरोप नहीं हैं. साफ छवि के साथ-साथ ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. अब इन दोनों अधिकारियों के कंधे पर उत्पाद विभाग को पटरी पर लाने के साथ-साथ सरकार की छवि सुधारने और रेवेन्यू बढ़ाने का भी जिम्मा है. इन दोनों को उत्पाद विभाग की जिम्मेदारी देने से यह साफ होता है कि हेमंत सोरेन इन दिनों अपनी छवि पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. लगातार खान सहित कई विभागों में हुए विवाद को देखते हुए उनके इस निर्णय की सभी जगह सराहना भी हो रही है, अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर यह दोनों अधिकारी कितना खरा उतरते हैं.
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