Ghathshila By-Election: जाहेरस्थान में नमन कर चुनाव मैदान में उतरे बाबूलाल सोरेन, सोमेश नामांकन सभा सफल बनाने में जुटे

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (20)-lHMqwAApo0.jpg

Ghatshila: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी और जेएमएम के प्रत्याशी की घोषणा के बाद माहौल बन गया है. बीजेपी से बाबूलाल सोरेन और जेएमएम से सोमेश चंद्र सोरेन पूरी जोश के साथ चुनावी मैदान में उतर गये हैं. सोमेश सोरेन 17 अक्टूबर को नामांकन करेंगे. नामांकन के बाद घाटशिला के दहीगोड़ा सर्कस मैदान में जनसभा होगा, जहां पार्टी के दिग्गज नेता उनके लिए वोट मांगेंगे. अपने नामांकन जनसभा को सफल बनाने के लिए सोमेश जोरशोर से तैयारी कर रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने सभा स्थल का निरीक्षण किया. सोमेश सोरेन अपने पिता रामदास सोरेन के किये गये विकास कार्यों के आधार पर जनता के बीच जा रहे हैं. उन्हें यकीन है कि बाबा का आशीर्वाद उनके साथ है और वे पक्का चुनाव जीतेंगे.

सैकड़ों युवाओं को बीजेपी में कराया गया शामिल

उधर बीजेपी के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन अपने समर्थकों की संख्या बढ़ाने में लगे हैं. गुरुवार को बाबूलाल के पिता और पूर्व सीएम चंपई सोरेन के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं को बीजेपी में शामिल कराया गया. बाबूलाल सोरेन भी आज अपने गांव के जाहेरस्थान में नमन करने के बाद घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए निकल पड़े. बाबूलाल सोरेन भ्रष्टाचार, रोजगार और बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दों के लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं.

भ्रष्टाचार, घुसपैठ के मुद्दा लेकर निकले बाबूलाल

बाबूलाल सोरेन ने कहा कि यह उपचुनाव एक ऐसे समय हो रहा है, जब राज्य में विकास योजनाएं ठप हैं, बीडीओ/सीओ कार्यालय घूसखोरी का अड्डा बन चुके हैं तथा हर विभाग में भ्रष्ट्राचार व्याप्त है, जिसकी वजह से जनता परेशान है. रोजगार के मुद्दे पर युवाओं को ठगा जा रहा है, हर गांव में शराब की दुकानें खोल कर उन्हें नशे में झोंकने की तैयारी की जा रही है. संथाल परगना से लेकर घाटशिला के फूलपाल एवं धालभूमगढ़ तक, आदिवासियों की जमीनों पर बांग्लादेशी घुसपैठिये कब्जा कर रहे हैं. सरकारी एवं वन विभाग की जमीनों पर कब्जा कर रहे ये लोग हमारे समाज की बेटियों की अस्मत से खिलवाड़ कर रहे हैं, हमारी बहनों से शादी कर जमीन/ आरक्षण में अतिक्रमण कर रहे हैं तथा सामाजिक ताने-बाने को भी बिगाड़ रहे हैं. इसे रोकना जरूरी है. नगड़ी में बिना किसी अधिग्रहण के सरकार सीधे आदिवासी - मूलवासी किसानों की जमीन छीन रही थी. अगर चम्पाई सोरेन आंदोलन नहीं करते तो वह जमीन नहीं बच पाती. बाबूलाल ने कहा कि झूठे वादे कर के सत्ता में आई इस युवा विरोधी, किसान विरोधी एवं आदिवासी- मूलवासी विरोधी सरकार के प्रति जनता में भारी नाराजगी है, और इस उपचुनाव में घाटशिला की जनता इस भ्रष्ट्र सरकार को इसका जवाब देगी.

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