पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13 हजार करोड़ रुपये के बहुचर्चित घोटाले के आरोपी और भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका लगा है. बेल्जियम की कोर्ट ऑफ कैसेशन ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ चोकसी की अपील को खारिज कर दिया है. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि चोकसी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कोई ठोस कानूनी या तथ्यात्मक आधार पेश करने में असफल रहे हैं. अदालत ने माना कि भारत को किया जाने वाला प्रत्यर्पण भारतीय कानूनों और यूरोपीय मानवाधिकार मानकों के पूरी तरह अनुरूप है. इस फैसले के साथ ही भारत द्वारा मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता लगभग साफ हो गया है.
कोर्ट ने चोकसी की ओर से रखी गई तीन प्रमुख दलीलों को खारिज कर दिया. इनमें निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के उल्लंघन का आरोप, एंटीगुआ से कथित अपहरण की दलील और भारत की जेलों में अमानवीय हालात की आशंका शामिल थी. चोकसी का दावा था कि प्रारंभिक स्तर पर कुछ अहम दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे उनके बचाव के अधिकार प्रभावित हुए.
इस पर अदालत ने कहा कि अपील की प्रक्रिया के दौरान इन सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया था. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘चैंबर ऑफ इंडिक्टमेंट’ के पास निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने की पूरी शक्ति होती है और आरोपी को अपने पक्ष में सभी जरूरी सबूत पेश करने का अवसर मिलता है. इसलिए यूरोपीय मानवाधिकार कन्वेंशन के अनुच्छेद 6 के तहत निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का कोई उल्लंघन नहीं हुआ.
चोकसी द्वारा लगाए गए अपहरण के आरोपों को भी अदालत ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इंटरपोल की फाइल्स पर नियंत्रण आयोग (CCF) के फैसले का निचली अदालत ने सावधानीपूर्वक और सीमित दायरे में मूल्यांकन किया था. सबूतों का मूल्यांकन निचली अदालत का अधिकार क्षेत्र है, जिसमें सर्वोच्च अदालत हस्तक्षेप नहीं कर सकती. भारत में यातना या अमानवीय व्यवहार की आशंका पर अदालत ने भारत सरकार द्वारा दिए गए स्पष्ट आश्वासनों को स्वीकार किया. भारत ने भरोसा दिलाया है कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां सुरक्षित वार्ड, दो सेल और निजी शौचालय की सुविधा होगी.
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गया था. इसके कुछ ही दिन बाद पीएनबी घोटाले का खुलासा हुआ. सीबीआई के अनुसार, 13 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में चोकसी पर करीब 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है.



