अमन साहू गैंग का पाकिस्तान कनेक्शन, लेवी की रकम से बॉर्डर पार से खरीदे जाते थे हथियार, मयंक सिंह से पूछताछ में बड़ा खुलासा

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism-phUjALDwGA.jpg

Ranchi: गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से जुड़े सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह ने एटीएस रिमांड के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मयंक ने जांच एजेंसियों को बताया कि अमन साहू गैंग ने रंगदारी में वसूली गई रकम से कई बार पाकिस्तान के एजेंटों के माध्यम से हथियारों की खरीददारी की है. मयंक ने यह भी बताया कि अमन साहू गैंग का नेटवर्क सिर्फ लॉरेंस बिश्नोई गैंग तक सीमित नहीं है, बल्कि उग्रवादी संगठनों और अन्य आपराधिक गिरोहों से भी इसके संबंध हैं. गिरोह के सदस्य कोयला व्यापारियों, ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, जमीन कारोबारियों और अन्य व्यवसायियों से जबरन वसूली करते हैं.

हालांकि, जब एटीएस ने मयंक से कुल वसूली की रकम के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि उसे इसकी सटीक जानकारी नहीं है. उसे केवल हथियारों की खरीद के लिए फंड दिया जाता था. गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके कामकाज से जुड़ी जानकारी भी मयंक ने एटीएस को दी है. छह दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद एटीएस ने मयंक को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में रामगढ़ जेल भेज दिया गया.

सूत्रों के अनुसार, मयंक ने यह भी बताया कि हथियारों की खरीद के लिए झारखंड से हवाला के जरिए पैसे पहले यूरोप भेजे जाते थे. फिर वहां से वही रकम मलेशिया और थाईलैंड में अलग-अलग ठिकानों पर रह रहे मयंक सिंह तक पहुंचाई जाती थी. इसके बाद वह रकम मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर स्थित ‘पाक-पंजाब’ नामक रेस्टोरेंट में काम करने वाले एक पाकिस्तानी कर्मचारी को सौंपी जाती थी. वही कर्मचारी पैसा पाकिस्तान में हथियार सप्लाई करने वाले एजेंट तक पहुंचाता था. पैसा मिलते ही, एजेंट अपने नेटवर्क के जरिए अमन साहू गैंग तक हथियार पहुंचा देता था.

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