JSSC CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित, एक हफ्ते में रिपोर्ट देगी कमेटी

जेएसएससी के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता कमेटी की अध्यक्षता करेंगे. वहीं आयोग की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप-सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. एक हफ्ते में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी.

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रांची : झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग (जेएसएससी) ने JSSC CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ी की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जेएसएसी ने शुक्रवार (27 सितंबर) को आदेश जारी किया है. जेएसएससी के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता कमेटी की अध्यक्षता करेंगे. वहीं आयोग की संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप-सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. यह टीम एक सप्ताह में JSSC CGL परीक्षा में गड़बड़ी के शिकायतों की जाँच कर अपनी रिपोर्ट देगी. इससे पहले बुधवार को जेएसएससी के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया था. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि परीक्षा में गड़बड़ी के सबूत दें, तो परीक्षा को रद्द कर देंगे. गुरुवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शिकायतों के आधार पर सरकार से जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच कराने को कहा था, जिसके बाद शुक्रवार को सरकार ने जांच के लिए कमेटी बनाई.

 

कल राज्यपाल ने सीएम को लिखा था पत्र

 

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में मिल रही शिकायतों की जांच कराने को कहा था, ताकि इस परीक्षा के साथ ही आयोग की विश्वसनीयता पर किसी प्रकार का प्रश्नचिह्न नहीं लगे.  राज्यपाल की ओर से भेजे गये पत्र में छात्र संगठनों व छात्रों द्वारा परीक्षा के संबंध में दी गयी जानकारी तथा मिले तथ्यों को संलग्न किया गया है. दूसरी तरफ राज्यपाल ने जेएसएससी के अध्यक्ष से भी सीजीएल परीक्षा के संबंध में तथ्य के साथ स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.

 

अभ्यर्थियों ने लगाया है पेपर लीक का आरोप

 

21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत कई छात्र संगठनों ने की है. छात्रों ने कहा है कि 22 सितंबर को प्रथम पाली की परीक्षा शुरू होने के पहले ही प्रश्नों का उत्तर कई अभ्यर्थियों के पास उपलब्ध था. जीएस का पेपर, जो पहले लिया गया था उसमें गणित, रीजनिंग और कंप्यूटर के सभी प्रश्नों को दोहराया गया था. 2022 में पूछे गये 20 प्रश्नों को भी बिना बदलाव किये फिर पूछा गया है. इसी तरह रीजनिंग का प्रश्न एसएससी सीजीएल 2019 में तथा कंप्यूटर का प्रश्न जेबीएपीएस आरआरसी 2023 से तथा पेपर एक यूपीएससी सी सेट 2019 से लगभग 120 प्रश्न पुन: पूछे गये हैं. कई जगहों पर प्रश्न पत्र के पैकेट पहले से खुले हुए मिले.

 

नेता प्रतिपक्ष ने उठाये सवाल

 

पेपर लीक के आरोपों के बीच अब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने इस परीक्षा पर सवाल खड़े किये हैं. शुक्रवार को उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार राज्य के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. CGL परीक्षा में बड़े-बड़े दावे किए गए लेकिन इसके बावजूद सरकार ने नौकरी बेचने का काम किया. बाउरी ने कहा परीक्षा के नाम पर पूरे राज्य में इंटरनेट बंद कर दिया. सरकार ने रात के 2 बजे से इसलिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया ताकि ये लोग रात में ही प्रश्न पत्र बांट सके. इंटरनेट बंद करने का तर्क यह दिया गया कि असम सरकार ने भी परीक्षा में इंटरनेट बंद कर दिया लेकिन सच्चाई यह कि असम में काफी पहले ही सूचना दे दी गई थी.

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