हेमंत सरकार का कौन मंत्री क्रिश्चियन, सिंडिकेट से किसकी जेब होती है गर्म... रघुवर दास का बड़ा आरोप
- Posted on September 10, 2025
- By Bawal News
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Ranchi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास फिर बड़ी बात बोल गये हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की वजह से सरकार राज्य में पेसा कानून लागू नहीं कर रही है. आदिवासी समाज के लोग पेसा कानून लागू करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं. कई बार सड़क पर उतर चुके हैं, लेकिन पेसा नियमावली लागू नहीं हो रहा है. इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है. दरअसल कांग्रेस के नेता विदेशी धार्मिक संगठन यानी क्रिश्चिन धर्म को मानने वाले हैं. कांग्रेस कोटे से इस सरकार में मंत्री भी क्रिश्चिन धर्म को मानने वाले हैं. ये लोग नहीं चाहते की राज्य में पेसा कानून लागू हो. क्योंकि इसके लागू होते ही विदेशी धर्म को मानने वाले लोग जो पाहन और माझी परगना बने हुए हैं वे ग्राम सभा से बाहर हो जाएंगे.
रघुवर ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार झारखंड के संसाधनों को लूटने के लिए पेसा कानून लागू नहीं कर रही है. कहा कि झारखंड के बालू, कोयला, पत्थर जैसे प्राकृतिक संसाधनों को लूटने वाला सिंडिकेट सरकार के संरक्षण में चल रहा है. इसी सिंडिकेट के अवैध धंधे से नेताओं के जेब गर्म हो रहे हैं. पेसा लागू हुआ तो जेब गर्म होना बंद हो जाएगा. इसलिए सरकार इसे लागू नहीं कर रही है. उन्होंने झारखंड में लंबित निकाय चुनाव, एससी आयोग समेत कई मुद्दों को लेकर भी सरकार पर आरोप लगाये. रघुवर दास बुधवार को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
कांग्रेस ढो रही है जेएमएम की पालकी
रघुवर दास ने कहा कि राज्य में एक क्षेत्रीय दल की सरकार है और केंद्र की सबसे बड़ी पार्टी का नेता सिर्फ उनकी पालकी ढो रहा है. उन्होंने कहा कि जो राहुल गांधी संविधान की रक्षा की बातें करते हैं, वो झारखंड में हो रहे अन्याय पर चुप क्यों हैं? कहा कि पेसा कानून और शहरी विकास योजनाओं के तहत झारखंड को केंद्र सरकार से मिलने वाले करीब 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद नहीं मिल पाई है, जिससे आदिवासी और शहरी विकास दोनों प्रभावित हुए हैं
आदिवासी मुख्यमंत्री क्यों मार रहे आदिवासियों का हक
रघुवर ने कहा कि सरकार न तो ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ों को आरक्षण दे रही है और न ही राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कर रही है. इससे साफ है कि सरकार न पेसा कानून लागू करना चाहती है और न ही स्थानीय निकाय चुनाव कराना चाहती है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य में एक आदिवासी मुख्यमंत्री हैं, तो आदिवासियों के हक को क्यों मारा जा रहा है? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कैबिनेट लाकर पेसा कानून लागू नहीं किया, तो बीजेपी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी.
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