मुलाकात हुई, क्या बात हुई ?

रघुवर दास और हेमंता बिस्वा सरमा की मुलाकात के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में चर्चा का दौर शुरू हो गया हैबीजेपी नेताओं के साथ-साथ विपक्ष भी यह जानना चाहता है कि दोनों की मुलाकात में आखिर क्या बात हुई.

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रांची : असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में बीजेपी के विधानसभा सह प्रभारी हेमंता बिस्वा सरमा झारखंड विधानसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े जुटाने के लिए खूब दौड़-भाग कर रहे है. शुक्रवार को वे ओड़िशा राजभवन पहुंच गये. यहां उनकी मुलाकात राज्यपाल रघुवर दास से हुई. रघुवर दास झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हेमंता बिस्वा शर्मा और रघुवर दास में एक चीज कॉमन है. दोनों जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर हैं. दोनों की मुलाक़ात के बाद झारखंड के सियासी गलियारे में चर्चा का दौर शुरू हो गया हैबीजेपी नेताओं के साथ-साथ विपक्ष भी यह जानना चाहता है कि दोनों की मुलाकात में आखिर क्या बात हुई. भुवनेश्वर राजभवन में हुई मुलाकात की तस्वीर को खुद हेमंता बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर किया है. उन्होने लिखा कि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास जी से भुवनेश्वर राजभवन में मुलाकात का सौभाग्य मिल. इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी मौजूद थे. इस मुलाकात को झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर इस मुलाकात को देखा जा रहा है. बीजेपी अक्टूबर के पहले हफ्ते में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगा. उससे पहले इस मुलाकात के राजनीति मायने भी निकाले जा रहे है.

 

कहा जा रहा है कि रघुवर और हेमंता के बीच जमशेदपुर विधानसभा सीट को लेकर चर्चा हुई है. दरअसल जमशेदपुर पूर्वी सीट पर रघुवर दास अपनी बहू को चुनाव लड़वाना चाहते हैं. वहीं इस सीट पर एनडीए की ओर से जेडीयू दावा ठोक रही है. सरयू राय ने 2019 में रघुवर दास को चुनाव हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था. सरयू राय सीटिंग विधायक हैं और कुछ दिन पहले ही जेडीयू में शामिल हो चुके हैं. इस वजह से इस सीट पर सरयू और जेडीयू की मजबूत दावेदारी है. जमशेदपुर सीट पर रघुवर दास बीजेपी से 5 बार विधायक रहे हैं. 2019 में उन्हें कार्यकर्ताओं की नाराज़गी और भीतरघात के कारण चुनाव हारना पड़ा था. रघुवर किसी भी सूरत में यह नहीं चाहेंगे कि सरयू राय को टिकट मिले. अगर राय को टिकट मिल भी गया तो वे ये कतई नहीं चाहेंगे कि सरयू चुनाव जीतें. रघुवर दास क्या चाहते हैं बीजेपी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जमशेदपुर सीट एनडीए के पास आये बीजेपी यही चाहेगी. संभवत: हेमंता ने रघुवर दास को पार्टी का संदेश देते हुए जमशेदपुर सीट पर मदद और सुझाव मांगे होंगे.

 

रघुवर-हेमंता के मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. यह भी कहा जा रहा हेमंता रघुवर के पास झारखंड के विधानसभा सीटों और प्रत्याशियों को लेकर चर्चा करने पहुंचे थे. दरअसल 2019 के पहले रघुवर दास ही झारखंड में बीजेपी के सबसे बड़े रणनीतिकार थे. शायद हेमंता रघुवर से झारखंड की राजनीति के दांव-पेंच को और अच्छी तरह समझने गये थे.  वैसे तो झारखंड में बीजेपी के पास बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा जैसे बड़े आदिवासी चेहरे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के रणनीतिकार की भूमिका में सिर्फ हेमंता नजर आ रहे हैं. संभावना है कि इस मुलाकात के बाद झारखंड बीजेपी में कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकता है.

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