समझो इशारे... यह पोस्टर कुछ कहता है !

पोस्टर में चंपई सोरेन की तस्वीर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की तस्वीर के बिल्कुल बराबर है. बीजेपी ने इससे यह संदेश दिया है कि चंपई सोरेन पार्टी में बाबूलाल मरांडी के कद के नेता होंगे.

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रांची : राजनीति में हर बात खुलकर नहीं बताई जाती. कई बातें इशारों-इशारों में भी बताई जाती है. राजनीतिक दल जनता और अपने कार्यकर्ताओं को संदेश देने के लिए सबसे अधिक पोस्टर का इस्तेमाल करते हैं. झारखंड बीजेपी ने भी अपने नये पोस्टर से जनता और कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश दे दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के स्वागत में बीजेपी ने पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर में चंपई सोरेन की तस्वीर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की तस्वीर के बिल्कुल बराबर है. बीजेपी ने इससे यह संदेश दिया है कि चंपई सोरेन पार्टी में बाबूलाल मरांडी के कद के नेता होंगे. 40 साल तक झामुमो का झंडा ढोने वाले चंपई सोरेन आज पूरे तन-मन से भाजपाई हो गये हैं. उधर बीजेपी भी उनसे विधानसभा चुनाव में कई करिश्मा दिखाने की उम्मीद लगाए बैठी है.

चंपई बनेंगे बीजेपी के खेवनहार ?

2019 के विधानसभा चुनाव में कोल्हान प्रमंडल की सभी विधानसभा सीटों से सूपड़ा साफ होने के बाद बीजेपी एक मजबूत आदिवासी चेहरा ढूंढ रही थी. चुनाव के बाद बाबूलाल मरांडी को अपने पाले में करके बीजेपी ने उनके कंधे पर आदिवासी सुरक्षित सीटें जीताने की जिम्मेदारी डाल दी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी आदिवासी सुरक्षित संसदीय सीटें हारने के बाद बीजेपी बाबूलाल को रिप्लेस करने के लिए एक और बड़ा आदिवासी चेहरा ढूंढ रही थी. इस बीच चंपई सोरेन ने झामुमो से बगावत कर दिया. अब बीजेपी को मुंहमांगी मुराद मिल गई. बीजेपी कोल्हान टाइगर को अब विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों के खेवनहार के तौर पर उपयोग करेगी.

मरांडी-मुंडा अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित

चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी के बड़े आदिवासी लीडर बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा बीजेपी में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अंदर से काफी चिंतित हैं, लेकिन चेहरे पर मुस्कान की चादर ओढ़कर अपनी चिंता को छिपाये फिर रहे हैं. बीजेपी की निगाहें राज्य में आदिवासी सुरक्षित 28 विधानसभा सीटों पर है. कोल्हान टाइगर को अपने पाले में करने के बाद बीजेपी यह सोच रही है कि चंपई उन्हें कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों में से 80-90 फीसदी सीट तो दिलवा ही देंगे. वहीं संथाल परगना प्रमंडल की भी कुछ विधानसभा सीटें चंपई सोरेन और सीता सोरेन को आगे करके निकाला जा सकेगा. अब चंपई सोरेन बीजेपी की उम्मीदों पर कितने खरे उतरेंगे यह तो वक्त ही बताएगा.

 

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