रांची
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रांची के मोरहाबादी मैदान में मंच तो सजा था हेमंत सोरेन के लिए, लेकिन इस मंच का असली मजा लिया जेएलकेएम चीफ जयराम महतो ने. जी हां, जिस मंच पर अकेले जयराम महतो लोगों की भीड़ का अभिवादन कर रहे थे, वह मंच हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण के लिए सजा था. इस आयोजन में करोड़ों रुपये खर्च हुए और राज्यभर से हजारों लोग कार्यक्रम में शामिल होने आये. पूरा मंच हेमंत सोरेन का था, लेकिन वे महज 10 से 15 मिनट ही वे मंच पर रह सके.
शाम 4 बजे शपथ ग्रहण का समय निर्धारित था. हेमंत सोरेन करीब 10 मिनट पहले मंच पर पहुंचे. वहां से हाथ हिलाकर आम जनता का अभिवादन किया. फिर अतिथियों से मिलकर अपनी सीट पर बैठ गये. इसके बाद राज्यपाल आये और मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई. शपथ दिलाने के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री और तमाम अतिथि मंच से उतरकर चले गये. पूरा मंच खाली हो गया, लेकिन मोरहाबादी मैदान में लोगों की भीड़ जमा थी. लोगों को उम्मीद थी कि शायद राज्यपाल को विदा कर मुख्यमंत्री वापस आयेंगे और लोगों को संबोधित करेंगे. इसी दौरान मंच से कार्यक्रम के समाप्त होने की घोषणा हो गई.
अचानक एक चेहरा मंच दिखा और लोग उसे देखकर हाथ हिलाने लगे. वह चेहरा था जेएलकेएम के चीफ जयराम महतो का. करीब 10 मिनट तक जयराम मंच पर खड़े होकर कभी हाथ हिलाकर तो कभी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन करते रहे. इस दौरान मंच के नीचे से टाइगर-टाइगर के भी नारे लगते रहे. यह देखकर हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन से रहा नहीं गया और वे भी मंच पर सामने आकर हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन करने लगे, लेकिन भीड़ जयराम के तरफ आकर्षित थी. यह देखकर बसंत वापस पीछे चले गये और मंच पर अकेले रहकर जयराम ने बिना कुछ बोले अपने बॉडी लैंग्वेज से बहुत कुछ बोल दिया.





