राज्य सरकार ने की SC के आदेश की अवमानना, ट्रिपल टेस्ट बिना भी हो सकता था निकाय चुनाव

अप्रैल 2023 में राज्य के नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. उसके बाद से नगर निकाय चुनाव लंबित है. राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट करवा रही है, लेकिन अबतक सिर्फ 6 जिलों में सर्वे पूरा हुआ है. 

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रांची : ट्रिपल टेस्ट के कारण झारखंड में नगर निकाय चुनाव लंबित है. नगर निकाय चुनाव को लेकर रांची की पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह माना है कि राज्य सरकार ने निकाय चुनाव कराने के आदेश को नहीं माना है. इसे कोर्ट की अवमानना मानी गई है. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को रखी गई है. सोमवार को जस्टिस आनंदा सेन की कोर्ट में तीन हफ्ते में निकाय चुनाव कराने के आदेश से संबंधित अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि ट्रिपल टेस्ट के बाद चुनाव कराया जाएगा. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आदेश है कि ट्रिपल टेस्ट की आड़ में चुनाव को नहीं रोक सकते. ट्रिपल टेस्ट के बिना भी चुनाव कराया जा सकता है. इस आदेश के बाद भी राज्य में निकाय चुनाव नहीं कराना कोर्ट के आदेश की अवमानना है. वहीं हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग को भी नोटिस किया है. दरअसल स्टेट इलेक्शन कमीशन के वकील ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने अबतक राज्य निर्वाचन आयोग को नया वोटर लिस्ट उपलब्ध नहीं कराया है. साथ ही राज्य सरकार की ओर से राज्य निर्वाचन आयोग को सहयोग नहीं मिल रहा है.


सिर्फ 6 जिलों में सर्वे हुआ है पूरा


गौरतलब है कि अप्रैल 2023 में ही झारखंड के नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. फिलहाल नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट से ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी का सर्वेक्षण किया जा रहा है. दिसंबर 2024 के अंत में डोर टू डोर सर्वे शुरू हुआ था. अब तक 6 जिलों में सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. 6 जिलों में 90 फीसदी से अधिक सर्वे कर लिया गया है. 4 जिलों में सर्वे का काम 50 फीसदी से अधिक हो गया है. वहीं, राज्य के 8 जिलों में 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं हो पाया है. झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी 24 जिलों के उपायुक्तों को 31 जनवरी 2025 तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है.


मार्च तक सर्वे होगा पूरा


राज्य के जिन 6 जिलों में डोर टू डोर सर्वे पूरा हो चुका है उनमें धनबाद, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, गोड्डा और लातेहार शामिल हैं. साहेबगंज में करीब 95 फीसदी, चतरा, पाकुड़ दुमका और सरायकेला-खरसावां में 90 फीसदी ओबीसी आबादी का सर्वे पूरा हो चुका है. वहीं रांची और देवघर जिले में अबतक सिर्फ 10 प्रतिशत ही सर्वेक्षण हो पाया है. जामताड़ा में 40 फीसदी, पलामू में 40, पूर्वी सिंहभूम में 35, गिरिडीह में 25, पश्चिम सिंहभूम में 14 और गढ़वा में 13 फीसदी ही सर्वेक्षण हो पाया है. वहीं रामगढ़ में 80 फीसदी, बोकारो में 70 फीसदी, हजारीबाग में 60 फीसदी और कोडरमा में 50 फीसदी सर्वे हो चुका है. पिछड़ा वर्ग आयोग ने मार्च 2025 तक सर्वे प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है. सर्वे पूरा होने के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. 

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