दिल्ली-एनसीआर में लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी का बयान सियासी विवाद का कारण बन गया है. उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से सपा सांसद आरके चौधरी ने शवों के दाह संस्कार और होलिका दहन को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इनसे निकलने वाली गैसें वातावरण में ऑक्सीजन की खपत बढ़ाती हैं. उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है.
शव जलाने और होलिका दहन से प्रदूषण का दावा
गुरुवार को बयान देते हुए आरके चौधरी ने कहा कि जब शव जलाए जाते हैं तो उससे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं, जो वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को खत्म करती हैं. उन्होंने दावा किया कि इसी तरह होलिका दहन के दौरान आग जलाने से भी यही गैसें निकलती हैं, जिससे हवा और अधिक प्रदूषित होती है. सपा सांसद ने कहा, “हमारा देश वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं है.”
होलिका दहन पर भी टिप्पणी
आरके चौधरी ने होलिका दहन का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर में करोड़ों स्थानों पर एक साथ होलिका दहन होता है, जिससे ऑक्सीजन की खपत बढ़ती है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा धर्म से जुड़ा नहीं है, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य से जुड़ा है. उनके मुताबिक, जो भी गैसें मनुष्य और जानवरों के लिए हानिकारक हैं, उन्हें हर हाल में रोका जाना चाहिए और ऑक्सीजन को बचाने पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
ऑक्सीजन बढ़ाने पर नहीं होता काम: आरके चौधरी
सपा सांसद ने कहा कि असली जरूरत इस बात की है कि ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया जाए और कार्बन डाइऑक्साइड व कार्बन मोनोऑक्साइड को कम किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि पेड़ लगाने पर जोर दिया जाता है, लेकिन यह नजरअंदाज किया जाता है कि पूरे देश में बड़ी संख्या में शवों का दाह संस्कार किया जाता है, जिससे हानिकारक गैसें निकलती हैं और ऑक्सीजन की खपत होती है.
बीजेपी का पलटवार, गिरिराज सिंह का तीखा बयान
सपा सांसद के बयान पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कड़ा ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि आरके चौधरी को अपना धर्म बदल लेना चाहिए. गिरिराज सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में दाह संस्कार से कम भूमि का उपयोग होता है, जबकि अन्य धर्मों में दफनाने के लिए अधिक जमीन की जरूरत पड़ती है. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो गई है.



