रांची
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रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान फिलहाल नहीं बदलेगा. पुराने मास्टर प्लान पर ही आगे के ई-ऑक्शन होंगे. छोटे-छोटे कमर्शियल और रेसिडेंशियल प्लॉट्स को लीज पर देने की योजना पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने जिन 51 प्लॉटों को चिन्हित किया था उन्हीं प्लॉटों का ऑक्शन फिलहाल होगा. 2021 से 2024 तक 51 में से 16 प्लॉटों का आवंटन हो चुका है. स्मार्ट सिटी के सीईओ अमित कुमार ने बताया कि 16 प्लॉटों में से 6 रेसिडेंशियल, 5 मिक्स यूज और 5 एजुकेशनल यूज के प्लॉट हैं. इनमें टेक्निकल कॉलेज, स्कूल, मेडिकल कॉलेज और आवासीय कॉलोनियां बनेंगे. मेडिकल कॉलेज का काम शुरू हो चुका है. 8 एकड़ जमीन पर 150 एमबीबीएस 75 पीजी की सीटों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो रहा है. वहीं मास्टर प्लान में बदलाव को लेकर निवेशकों से लगातार संवाद हो रहा है. उनके सुझावों के मुताबिक भविष्य में कुछ चेंज हो सकता है, लेकिन फिलहाल इसी मास्टर प्लान पर ही काम चल रहा है.
3.5 साल में 51 में सिर्फ 16 प्लॉटों का हुआ ऑक्शन
रांची स्मार्ट सिटी में बड़े और महंगे प्लॉट मिलने के कारण निवेशक इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं. स्मार्ट सिटी ने चार चरणों के ई ऑक्शन से पहले कई बार दिल्ली, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु समेत कई शहरों में इन्वेस्टर्स मीट किया, लेकिन उम्मीद के मुताबिक निवेशक नहीं पहुंचे. पहले चरण के ऑक्शन में सिर्फ 9, दूसरे और तीसरे चरण में एक-एक और चौथे चरण में 5 प्लॉटों का ऑक्शन हुआ.
अभी स्मार्ट सिटी एडीबी एरिया में
66.78
एकड़ जमीन में
16
प्लॉट कमर्शियल यूज के लिए चिन्हित हैं और
13.24
करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से रिजस्व प्राइस तय किया गया है. कमर्शियल प्लॉट साइज
6
से
12
एकड़ तक फिक्स हैं
,
जबकि इन्वेस्टर्स
2
से
4
एकड़ तक के प्लॉट लेने के लिए तैयार हैं.
निवेशक चाहते हैं छोटे प्लॉट्स
कमर्शियल के साथ-साथ दूसरे नेचर के प्लॉट्स भी निवेशक ज्यादा से ज्यादा
2
से
4
एकड़ के बीच चाह रहे हैं. स्मार्ट सिटी में एजुकेशनल हब के लिए
58. 97
एकड़ के
9
प्लॉट चिन्हित किये गये हैं. यानी औसतन
6.5
एकड़ के एक प्लॉट हैं
,
जबकि निवेशक दो से तीन एकड़ के प्लॉट चाह रहे हैं. वहीं होटल के लिए
5-5
एकड़ के प्लॉट चिन्हित किए गए हैं. इसकी कीमत
13. 24
करोड़ रुपए प्रति एकड़ है. जबकि निवेशक
2
एकड़ तक जमीन चाह रहे हैं.
62
एकड़ में मिक्स यूज के
14
प्लॉट हैं
,
जिसकी कीमत
10.14
करोड़ रुपए प्रति एकड़ रखी गई है. निवेशक इसमें भी बदलाव चाहते हैं.
निवेशकों को आवंटित 16 प्लॉटों पर काम शुरू नहीं हुआ है
स्मार्ट सिटी के जिन 16 प्लॉटों का ऑक्शन हो चुका है. उनपर अभी काम शुरू नहीं हुआ है. वहीं कुछ चिन्हित प्लॉटों को सरकारी विभागों को दिया गया है. अपोलो चेन्नई को अस्पताल बनाने के लिए 2.75 एकड़ जमीन दी गई है, जहां 250 बेड का मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा. वहीं ट्रैफिक पार्क बनाने के लिए यातायात विभाग को 3.5 एकड़ जमीन दी गई है. टाटा ग्रुप को 6 एकड़ जमीन होटल ताज बनाने के लिए दी गई है. वहीं जुडको ने 10 एकड़ जमीन पर 11 मंत्रियों के लिए बंगले बनाये हैं. 2 प्लॉट नॉमिनेशन बेसिस पर गेल इंडिया को दिया गया है.





