उत्पाद सिपाही अभ्यर्थियों की मौत के लिए सरकार जिम्मेवार, 50 लाख मुआवजा दे : बाबूलाल मरांडी
- Posted on September 3, 2024
- By Bawal News
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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू रविवार को ओरमांझी प्रखंड के जिराबर गांव पहुंचे. इस गांव का भी एक युवक अजय कुमार महतो भर्ती दौड़ में शामिल होने के बाद बेहोश हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. दोनों नेताओं ने मृतक के परिजनों को बीजेपी की तरफ से एक लाख रुपया सहायता राशि सौंपा.
रांची : उत्पाद सिपाही दौड़ में अबतक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगले तीन दिनों तक उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा का स्थगित करने का निर्देश दिया है. बीजेपी ने हेमंत सरकार से मांग की है कि अविलंब मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपया मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिया जाए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू रविवार को ओरमांझी प्रखंड के जिराबर गांव पहुंचे. इस गांव का भी एक युवक अजय कुमार महतो भर्ती दौड़ में शामिल होने के बाद बेहोश हो गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. दोनों नेताओं ने मृतक के घर पहुंचकर उसके परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान बाबूलाल ने परिजनों को बीजेपी की ओर से एक लाख रुपया की सहायता राशि दी. इस दौरान राज्य सरकार पर हमला करते हुए बाबूलाल ने कहा कि यह संवेदनहीन सरकार है. युवाओं की मौत हो रही और सरकार निश्चिंत है. परिजनों की सुध लेने की भी राज्य सरकार को फुर्सत नहीं है.
सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया
मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने उत्पाद सिपाही की दौड़ में जिस प्रकार से नियमों का उल्लंघन किया वह अभ्यर्थियों की मौत का कारण बन रही है. अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं की गई. लंबी यात्रा करके नौजवान सेंटर पर पहुंचे. रात भर जागकर लाइन लगे और सुबह में धूप में उन्हें दौड़ाया गया. इसका सीधा असर नवजवानों के स्वास्थ्य पर पड़ा. ऐसे में स्वाभाविक है कि नींद पूरी नहीं होने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है. शरीर की कार्य क्षमता घटती है. फिर भी अभ्यर्थी दौड़ने को मजबूर हुए. बाबूलाल ने कहा कि जहां तक नियमावली की बात है 2018 की बहाली नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि दौड़ के पहले अभ्यर्थियों की लिखित और शारीरिक जांच परीक्षा हो. जो इसमें सफल हों उन्हीं को दौड़ में शामिल किया जाए, लेकिन इस सरकार ने ऐसा नहीं किया.
अभ्यर्थी अजय कुमार के इलाज में बरती गई लापरवाही
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक घंटा में 10 किलोमीटर की दौड़ उत्पाद विभाग के सिपाही के लिए अव्यवहारिक है. इतनी अनिवार्यता तो सेना की बहाली में भी नहीं है. उन्होंने कहा कि अजय कुमार महतो के इलाज में भी लापरवाही बरती गई. दौड़ में बेहोश हो जाने की स्थिति में परिजनों को सूचित किया गया. अजय के पिता उसका इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में कराना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया. कहा कि उसे फूड पाइप के द्वारा नाक से रिम्स में भोजन दिया गया, जबकि अजय बोल रहा था और खाने-पीने में सक्षम था. मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह मौत की जिम्मेवार है. सरकार अविलंब मृतकों के आश्रित को 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे.
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