IIT ISM के दीक्षांत समारोह में बोंलीं राष्ट्रपति: नैतिकता, नवाचार और सेवा भाव को बनाएं जीवन का आधार
- Posted on August 1, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Dhanbad: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनबाद के IIT ISM के 45वें दीक्षांत समारोह में शिरकत किया. राष्ट्रपति ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं, स्वर्ण पदक और मेडल देकर उत्कृष्ट छात्रों को सम्मानित किया. छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि धनबाद का IIT ISM देश के तकनीकी विकास की रीढ़ है. यहां से निकले युवा नवाचार और नेतृत्व की मिसाल बन रहे हैं. कहा कि, स्वर्ण पदक सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए जिम्मेदारी का प्रतीक है. विद्यार्थी अपने ज्ञान, कौशल और मूल्यों का उपयोग केवल करियर बनाने के लिए नहीं, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए करें. उन्होंने नैतिकता, नवाचार और सेवा भाव को जीवन का आधार बनाने की प्रेरणा दी.
IIT ISM के 100 वर्षों का गौरवमय इतिहास
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, IIT ISM एक विशिष्ट संस्थान है. इसका 100 वर्षों का गौरवमय इतिहास रहा है. समय के साथ संस्थान ने अपने अंदर काफी बदलाव किया और एक अग्रणी संस्थान बन गया है. इसने शिक्षा एवं नवाचार का विकास किया है और समाज के लिए काम कर रहा है. आदिवासियों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चला रहा है. छात्रों से कहा कि, यह उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है. साथ ही शिक्षकों के प्रति सम्मान जताने का अवसर है.
गूगल और चैटजीपीटी डिस्टर्बिंग गुरु: धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि गूगल और चैटजीपीटी डिस्टर्बिंग गुरु बन रहे हैं. इससे निपटने के लिए सोचना होगा. कहा कि स्टूडेंट्स सिर्फ नौकरी के लिए प्रयास नहीं करें, बल्कि नौकरी देने वाले बनें. स्टार्टअप के लिए प्रयास करें. डिग्री से ज्यादा कंपीटेंसी होती है. आप इंजीनियर नहीं, देश के भावी निर्माता हैं. प्रधान ने कहा कि शिक्षा का कोई अंत नहीं होता. यह तो एक पड़ाव है. यहां के नए छात्रों से मिलने का मौका मिला. गुलामी काल में यह दूसरा तकनीकी शिक्षण संस्थान था. यह शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है.
डिग्रियां नौकरी, लेकिन कर्म और चरित्र दिलाते हैं सम्मान: राज्यपाल
राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट वाला देश बन गया है. तकनीक से समाज में बदलाव लाया जा सकता है. आप ज्ञान का उपयोग व्यक्तिगत सफलता के लिए नहीं, बल्कि समाज और देश की सफलता के लिए करें. कहा कि आपने जो शिक्षा ग्रहण की है, उसकी अब असली परीक्षा होगी. ज्ञान और मूल्य की वास्तविक परीक्षा होगी. आप सभी नए सफर की ओर बढ़ रहे हैं. दुनिया भी बदल रही है. तकनीकी नवाचार, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन जैसे क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. डिग्रियां नौकरी दिलाती हैं, लेकिन आपके कर्म और चरित्र सम्मान दिलाते हैं.
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव प्रो. पीके मिश्रा, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और झारखंड के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार, धनबाद सांसद ढुल्लू महतो, धनबाद विधायक राज सिन्हा, झरिया विधायक रागिनी सिंह, बीसीसीएल के सीएमडी समीरण दत्ता सहित समेत विदेश से आए उद्योग जगत के प्रतिनिधि एवं संस्थान के सदस्य मौजूद थे.
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