पीएम मोदी का छलका दर्द, बोले : कांग्रेस-राजद के मंच से मेरी मां को गालियां दी गई... यह देश की मां-बहन-बेटी का अपमान
- Posted on September 2, 2025
- देश
- By Bawal News
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बिहार में इंडिया गठबंधन के मंच से पीएम नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय मां हीराबेन के लिए अपशब्द का प्रयोग किया गया था, जिसपर आज प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड की वर्चुअल शुरुआत के बाद अपने संबोधन में भावुक होते हुए कहा, “मां ही तो हमारा संसार होती है, मां ही हमारा स्वाभिमान होती है. बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. राजद-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं. ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं है, ये देश की मां-बहन-बेटी का अपमान है."
मां का क्या गुनाह था?
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "आप सब जानते हैं कि अब मेरी मां का शरीर तो इस दुनिया में नहीं है. कुछ समय पहले 100 साल की उम्र पूरी करके, वो हम सबको छोड़कर चली गईं. मेरी उस मां को जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, जिसका शरीर भी अब नहीं है. उस मां को राजद-कांग्रेस के मंच से भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं. ये बहुत ही दुख, कष्ट और पीड़ा देने वाला है. उस मां का क्या गुनाह है कि उसे भद्दी गालियां सुना दी गईं. मां की गरिमा सबसे ऊपर होती है और इस दर्द को वह बिहार की जनता के साथ साझा कर रहे हैं ताकि उनके आशीर्वाद से इस पीड़ा को सह सकें.”
मां का स्थान देवता-पितरों से भी उपर
पीएम मोदी ने कहा कि मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, फिर भी उनके लिए अपशब्द बोले गए. बिहार में मां का स्थान देवता और पितरों से भी ऊपर माना जाता है, इसलिए यह घटना बिहार की बेटियों और माताओं के लिए भी पीड़ादायक है. मां अब इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी उनके खिलाफ अपशब्द कहना बेहद शर्मनाक है. एक गरीब मां की तपस्या, उसके बेटे की पीड़ा ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज नहीं समझ सकते. ये नामदार लोग तो सोने-चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. देश और बिहार की सत्ता इन्हें अपने खानदान की विरासत लगती है.
बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह तो माफ कर सकते हैं, लेकिन बिहार की जनता मां के अपमान को कभी माफ नहीं करेगी. मां की गरिमा सबसे ऊपर है और जो लोग महिलाओं को गाली देते हैं, उनकी मानसिकता गलत है. बिहार में मां की पूजा सतबहिनी और नवदुर्गा रूप में होती है, यहां मां का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
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