निशान-ए-पाकिस्तान... मुल्ला मुनीर के साथ राहुल गांधी का हाफ चेहरा, कांग्रेस ने कहा: औकात में रहें अमित मालवीय
- Posted on May 20, 2025
- देश-विदेश
- By Bawal News
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बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय का एक एक्स पोस्ट खूब वायरल हो रहा है. इस पोस्ट में मुल्ला मुनीर के साथ राहुल गांधी के चेहरे वाली एक तस्वीर लगाई गई है. तस्वीर के साथ पोस्ट है ‘’यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई नहीं दी. इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए. यह एक ऐसा सवाल है जो पहले ही DGMO ब्रीफिंग में बताया जा चुकै है. मजे की बात यह है कि उन्होंने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान अपने हैंगर में खड़े रहते हुए नष्ट हो गए.राहुल गांधी के लिए आगे क्या है? निशान-ए-पाकिस्तान?’’
मालवीय ने कहा राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे
अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सोमवार को किए गए ट्वीट के बाद यह सवाल किया है जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर कहा था कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना चाहिए. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है. अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयानों पर कुछ लोगों को हैरानी नहीं हो रही है.
कांग्रेस ने मालवीय को औकात में रहने की सलाह दी
मालवीय के बयान के बाद सियासत गरमा गई और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पलटवार किया है. खेड़ा ने कहा कि अमित मालवीय औकात में रहें. मुखबिरी की आदत इनकी ही है. देश मे सिर्फ एक व्यक्ति को निशान-ए-पाकिस्तान मिला है, वो हैं मोरारजी देसाई. 1990 में तब बीजेपी के समर्थन से वीपी सिंह की सरकार थी, क्या बीजेपी ने इसका विरोध किया? मोरारजी देसाई ने मुखबिरी करके भारतीय एजेंसियों की जानकारी जियाउल हक को दी थी, इसके एवज में हमारे रॉ को भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि कई और लोग निशान-ए-पाकिस्तान के लिए लाइन में लगे हैं, आडवाणी जिन्ना की मजार पर जाकर उसे सेक्युलर कह आए. हो सकता है उन्हें भी निशान ए पाकिस्तान मिल जाए. मोदी बिना बुलाए पाकिस्तान गए, उन्हें भी निशान ए पाकिस्तान मिल सकता है. अटल बिहारी वाजपेयी ने बटेश्वर कांड में एक क्रांतिकारी की मुखबिरी की और सजा दिलवाई हम सवाल पूछेंगे, हमें अपने डीजीएमओ पर भरोसा है. सेना ने जो कहा वह सब स्वीकार्य है, हमें अपने राजनीतिक नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. खेड़ा ने पूछा क्यों पीएम मोदी और जयशंकर ने चुप्पी साध रखी है? पहलगाम के 5 आतंकी थे, वो कहां हैं, क्या ये सवाल हम नहीं पूछेंगे?
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