Hazaribagh: हजारीबाग पुलिस ने फर्जी संस्था बनाकर और मुद्रा बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरोह ऑनलाइन माध्यम से भोले-भाले लोगों को लोन दिलाने का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठ रहा था.
गुप्त सूचना के बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक हजारीबाग को 23 दिसंबर 2025 को गुप्त सूचना मिली थी कि विनोबा भावे नगर और सिंदूर क्षेत्र में कुछ संदिग्ध लोग बैठकर ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इस संबंध में प्रतिविम्ब ऐप पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी. सूचना की गंभीरता को देखते हुए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमित कुमार के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल का गठन किया गया.
छापेमारी में रंगे हाथ पकड़े गए आरोपी
पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बताए गए स्थान पर छापेमारी की, जहां से 9 अभियुक्तों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. छापेमारी के दौरान पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं, जो इस गिरोह के संगठित तरीके से ठगी करने की पुष्टि करते हैं.
कार, मोबाइल और दस्तावेज बरामद
गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक मारुति सुजुकी ब्रेजा कार, 27 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड और 23 रजिस्टर/कॉपी बरामद किए गए हैं. इन रजिस्टरों में ठगी के शिकार लोगों के नाम, मोबाइल नंबर और लेन-देन से जुड़ी जानकारी दर्ज पाई गई है. पुलिस का मानना है कि गिरोह लंबे समय से इस ठगी को अंजाम दे रहा था.
आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज
इस पूरे मामले में कोर्रा थाना कांड संख्या 230/25 दर्ज किया गया है. आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ आईटी एक्ट की धारा 66(C) और 66(D) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. हजारीबाग पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि लोन दिलाने के नाम पर किसी भी अनजान व्यक्ति या संस्था को पैसे न दें. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके.



