बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी JMM, झारखंड में कांग्रेस-राजद से रिश्तों की होगी समीक्षा

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism-64RrBcccbg.jpg

दो दिनों की असमंजस के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है. पहले जहां पार्टी ने महागठबंधन से अलग होकर छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, अब उसने बिहार चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया है.

रविवार को झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने स्पष्ट किया कि पार्टी अब बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के प्रमुख दलों ने झामुमो को अंत तक भ्रम में रखा और उचित सम्मान नहीं दिया. इसी के चलते झारखंड में गठबंधन की समीक्षा की जाएगी और पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर विचार कर अंतिम निर्णय लेंगे.

गौरतलब है कि इससे पहले 18 अक्टूबर को झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस वार्ता में बिहार की छह सीटों—जमुई, चकाई, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और कटोरिया—पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप भी लगाया था. उनका कहना था कि 2019 और 2024 में झारखंड में झामुमो ने दोनों दलों को सम्मान दिया, लेकिन बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान से समझौता किया गया, जो अब बर्दाश्त नहीं होगा.

झामुमो के इस यू-टर्न से महागठबंधन, खासकर तेजस्वी यादव को राहत मिली है. अब सीट बंटवारे का विवाद सुलझ गया है और कांग्रेस-राजद के बीच तालमेल बनाना आसान होगा. सूत्रों के मुताबिक, हेमंत सोरेन इस समय झारखंड की राजनीति और कानूनी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. बिहार चुनाव में उतरना गलत संदेश देता, इसलिए फिलहाल गठबंधन की समीक्षा की नीति अपनाई गई है.

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