झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी का छलका दर्द : मंत्री पद मांगे तो नहीं मिला, फिर भी पार्टी में पड़े हैं

स्टीफन मरांडी ने कहा कि अगर चंपई सोरेन की जगह मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया होता तो हेमंत सोरेन के जेल से आते ही मैं इस्तीफा दे देता.

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रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लेकर झारखंड में सियासी हलचल तेज है. इस बीच झामुमो के विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि चंपई अगर झामुमो में शामिल हो जाते हैं तो उनका राजनीतिक वजूद खत्म हो जाएगा. इतिहास गवाह है कि राष्ट्रीय पार्टियों में शामिल हुए क्षेत्रीय दलों के नेताओं का वजूद खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि बात इतनी बढ़नी ही नहीं चाहिए थी. हेमंत सोरेन के जेल से आते ही चंपई सोरेन को इस्तीफा दे देना चाहिए था. हम होते तो हेमंत के आते ही इस्तीफा दे देते. बवाल न्यूज से बातचीत में स्टीफन मरांडी का दर्द भी सामने आया. उन्होंने का कि हम तो 8-8 टर्म से विधायक हैं. इस सरकार में मंत्री पद मांगे थे. मंत्री नहीं बनाया गया फिर भी पार्टी में पड़े हैं. चंपई को भी सोचना चाहिए वे इतने सीनियर लीडर हैं.

 ...तो चंपई का राजनीतिक वजूद खत्म हो जाएगा

स्टीफन ने कहा कि चंपई सोरेन से उनकी बात हुई है. उन्होंने चंपई को समझाने की काफी कोशिश की है, लेकिन उनका साफ कहना है कि वे अब झामुमो में नहीं रह सकते हैं. झामुमो में उन्हें काफी अपमानित किया गया है. स्टीफन ने कहा आखिर चंपई को क्या दुख है. उन्हें तो मुंहमांगी चीज मिली. चंपई आंदोलन से पैदा हुए हैं. जो काम झामुमो में किये हैं वो किसी और पार्टी में नहीं कर सकेंगे. हमलोग जल-जंगल-जमीन की बात करके यहां तक पहुंचे हैं. दूसरे जगह वे एडजस्ट नहीं कर पाएंगे. क्योंकि वहां विचारधारा बदल जाएगी.

 चंपई को सीएम बनाने का फैसला हेमंत का था

स्टीफन मरांडी ने यह भी कहा कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हेमंत सोरेन का ही था. विधायक दल की बैठक में इसपर कोई बात नहीं हुई थी. हेमंत सोरेन ने अपने मन से निर्णय लिया था. झामुमो में परिवारवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि गुरूजी (शिबू सोरेन) ने झारखंड के लिए इतना काम किया है. उनके घर के लोगों की दावेदारी तो बनती ही है.

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