70 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी झामुमो-कांग्रेस, 11 सीट इंडी के सहयोगियों के लिए छोड़ा

झारखंड की 81 में से 70 विधानसभा सीटों पर झामुमो और कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बार झामुमो अधिक सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, जबकि कांग्रेस की कुछ सीटें घट सकती है. इस बार झामुमो 45 और कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

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रांची : झारखंड में एनडीए और इंडिया गठनबंधन की सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है. शुक्रवार को एनडीए ने अपने सभी सहयोगी दलों के सीटों की घोषणा की. इसके बाद शनिवार को इंडिया गठबंधन ने अपने पत्ते खोल दिये. सीएम हाउस में झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर समेत अन्य सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक में सीट शेयरिंग पर अंतिम चर्चा हुई और बात 70 पर फाइनल हो गई. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की है कि राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर जेएमएम और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेगी. बचे हुए 11 सीटों पर राजद और वाम दल समेत अन्य सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे.


पिछले चुनाव में क्या हुआ था


उम्मीद है कि 2019 तरह ही इस बार भी झामुमो और कांग्रेस में सीटों का बंटवारा होगा. 2019 में जेमएमएम ने 41, कांग्रेस ने 31 और राजद ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 30 सीटों पर जेएमएम की जीत हुई थी, जबकि 16 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव जीता था. राजद 7 में से सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. पिछली बार झामुमो-कांग्रेस के पास 72 सीटें थी, लेकिन इस बार उसमें से 2 सीटें घट गई है. 2019 में झामुमो अपनी कुल सीटों के 73 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 53 फीसदी सीट जीत सकी थी. इस लिहाज से इस बार झामुमो की सीटों की दावेदारी ज्यादा होगी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बार झामुमो 45 से 46 सीट और कांग्रेस 25 से 26 सीट पर चुनाव लड़ेगी. राजद की भी सीटें इस बार घटेंगी और वाम दलों को वह सीटें मिल सकती है, क्योंकि राजद पिछली बार 7 में से सिर्फ एक सीट जीत पाई थी.


बीजेपी 68, आजसू 10 सीटों पर लड़ेगी चुनाव


अब बात करें झारखंड में विपक्षी गठबंधन की तो यहां 2019 में बीजेपी और आजसू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे. बीजेपी ने 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से सिर्फ 25 सीटें ही वह जीत सकी. आजसू ने 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से सिर्फ 2 सीटें ही वह जीत सकी. पिछली बार अलग-अलग चुनाव लड़ने से हुए एनडीए को नुकसान को देखते हुए इस बार बीजेपी-आजसू ही नहीं जदयू और लोजपा ने भी सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति जताते हुए जो सीटें मिली उसे स्वीकार किया है. इस बार बीजेपी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, आजसू को 10 सीटें मिली है, जेडीयू दो और लोजपा (आर) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी.

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