लीची उत्पादन में झारखंड देगा बिहार को टक्कर, 14 जिलों के 336 गांव खेती के लिए चिन्हित
- Posted on April 28, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Ranchi : बिहार की शाही लीची देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन बिहार का पड़ोसी राज्य झारखंड भी लीची के उत्पादन में पीछे नहीं है. झारखंड में देश के कुल उत्पादन का 8.90 फीसदी लीची का उत्पादन होता है. लीची उत्पादन में झारखंड बिहार और बंगाल के बाद तीसरे स्थान पर है. झारखंड में लीची के उत्पादन और बढ़ाने की संभावनाएं तलाशी जा रही है. शोध में पता चला है कि झारखंड के 14 जिलों के 336 गांवों की मिट्टी, पानी और वहां वातावरण लीची उत्पादन के लिए अनुकूल है. इन गांवों में लीची के उत्पादन के लिए अनुकूलता 90 फीसदी से अधिक है.
गोड्डा के 253 गांव लीची के लिए अनुकूल
लीची की पैदावार के लिए झारखंड का सबसे अनुकूल जिला गोड्डा है. यहां के 8 ब्लॉक (बसंतराज, बोआरीजोर, गोड्डा, महगामा, मेहरमा, पथरगामा, पोड़ैयाहाट और ठाकुरगंगटी) के 253 ग्राम पंचायतों की मिट्टी और वातावरण में लीची के उत्पादन के लिए 95 से 100 फीसदी अनुकूलता पाई गई है.
गिरिडीह के 90 गांव में हो सकती है लीची की बंपर खेती
दूसरे नंबर पर गिरिडीह जिला है. यहां के 11 ब्लॉक में लीची की बंपर पैदावार हो सकती है. गिरिडीह जिला के बगोदर, बेंगाबाद, बिरनी, देवरी, धनवार, डुमरी, गांडेय, गिरिडीह, जमुआ, सरिया और तिसरी ब्लॉक के 90 गांवों में लीची के लिए सुटेबल वातावरण और मिट्टी उपलब्ध है.
साहिबगंज के 34 गांव चिन्हित
लीची की पैदावार के लिए अनुकूल जिलों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर साहिबगंज जिला है. यहां के 7 प्रखंड (बड़हरवा, बरहेट, बोरियो, मंडरो, पतना, राजमहल और उधवा) के 34 गांव लीची की उन्नत खेती के लिए चिन्हित किये गये हैं.
रांची समेत कई जिलों में लीची की खेती के अनुकूल वातावरण
राजधानी रांची के भी 6 प्रखंड (इटकी, मांडर, नगड़ी, रातू, चान्हो और बेड़ो) में लीची उत्पादन के लिए अनुकूल मौसम और मिट्टी उपलब्ध है. वहीं चतरा जिला के मयूरहंड प्रखंड, देवघर जिला के 4 प्रखंड, गुमला जिला के बसिया और सिसई प्रखंड, हजारीबाग जिला के 4 प्रखंड (बरकट्ठा, बरही, चौपारण और पदमा) में लीची की अच्छी खेती हो सकती है. इसके अलावा कोडरमा, पलामू, लोहरदगा सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम जिले के कुछ प्रखंडों के भी गांव लीची उत्पादन कर सकते हैं. अगर इन प्रखंडों के चिन्हित गांवों में लीची की खेती शुरू होती है तो निश्चित रूप से झारखंड लीची उत्पादन के क्षेत्र में बंगाल को पछाड़ते हुए बिहार को कड़ी टक्कर दे सकता है.
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