इंटरनेट बंद, राजनीति शुरू

बाबूलाल ने कहा : JSSC CGL परीक्षा में इंटरनेट बंद करना तुगलकी फरमान
हेमंता बिस्वा बोले : इंटरनेट बंद करना झारखंड सरकार ने हमसे सीखा
झामुमो ने कहा : झारखंडियों से इतनी चिढ़ कहां से लाते हैं भाजपाई

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रांची : झारखंड में इंटरनेट बंद पर राजनीति जारी है. हेमंत सरकार ने JSSC CGL परीक्षा को लेकर शनिवार और रविवार को सुबह 8 से दोपहर 1.30 तक इंटरनेट बंद रखा है. इसे लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है. परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं. इंटरनेट बंद कर देने के फैसले से दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इस फैसले से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है. बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सिर्फ इंटनेट पर क्यों लोगों के घरों से निकलने पर भी पाबंदी लगा दें, बाजार बंद करवा दें. कर्फ्यू घोषित कर दें.

पेपर लीक गिरोह से बीजेपी सांठगांठ है क्या ?

इसपर झामुमो ने पलटवार किया है. झामुमो के ऑफिशियल एक्स हैंडल से पोस्ट किया गया कि ‘’ झारखंडी युवाओं की मेहनत पर असामाजिक तत्व खलल न डालें, इसके लिए हेमंत सरकार हर जरूरी कदम उठाती है, मगर भाजपाईयों से यह सब बर्दाश्त नहीं है. पेपर लीक गिरोह से बीजेपी की कुछ सांठगांठ है क्या? पूर्व की नियोजन नीति भी भाजपाइयों ने रद्द करवाई और अब परीक्षा में इंटरनेट बंद को लेकर हायतौबा मचा रहे हैं. झारखंड में लोगों के लिए कुछ भी अच्छा हो तो इन्हें असंवैधानिक लगता है और बीजेपी सरकार में वही चीज संवैधानिक हो जाती है. वाह रे बीजेपी की दोग....ई. झारखंडियों से इतनी चिढ़ कहां से लाते हैं भाजपाई.“

इन्हें झारखंडियों की चिंता नहीं

झामुमो ने अपने पोस्ट के साथ दो स्क्रिनशॉट भी लगाया है. एक स्क्रिनशॉट बाबूलाल मरांडी के ट्विट का है. झामुमो ने इसमें दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के परीक्षा में शामिल होने वाली बात को हाइलाइट करते हुए कहा है कि, देखिये और समझिये ये लोग किसके लिए चिंतित हैं. इन्हें झारखंड और झारखंडवासियों की चिंता ही नहीं. दूसरी पोस्ट में एक न्यूज का स्क्रिनशॉट है, जिसमें असम समेत कई राज्यों में भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए कुछ घंटों के लिए इंटरनेट बंद करने की बात लिखी है. इसपर झामुमो ने कहा कि झारखंड में लोगों के लिए कुछ भी अच्छा हो तो इन्हें असंवैधानिक लगता है और बीजेपी सरकार में वही चीज संवैधानिक हो जाती है?

हेमंत सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों से सीखा

इधर बाबूलाल मरांडी इंटरनेट बंद करने के फैसले को हेमंत सरकार का तुगलकी फरमान बता रहे हैं और उधर असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा कह रहे हैं कि झारखंड ने झारखंड ने परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का विचार पूर्वोत्तर राज्यों से सीखा है. सरमा ने कहा, "जब मैंने परिक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने का फैसला लिया था, तब कांग्रेस ने इसकी आलोचना की थी. अब झारखंड में उनकी सरकार भी यही कर रही है. वे हमसे सीख रहे हैं. इसका यह मतलब है कि असम देश को रास्ता दिखा रहा है." 

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