मुठभेड़ में बचकर भागा था, यूपी में ATS ने धर लिया... इटखोरी, मनातू में पुलिस पर हमले का मास्टरमाइंड ‘नगीना’ अरेस्ट

1200-675-25071396-thumbnail-16x9-ats-3Dm480DNA4.jpg

उत्तर प्रदेश में एटीएस ने झारखंड के मोस्ट वांटेड नक्सली नगीना को गिरफ्तार कर लिया है. बीते दिनों पलामू में सुरक्षा बलों के साथ हुए मुठभेड़ के बाद बचकर भाग गया था और यूपी में अपना ठिकाना बना लिया था. नगीना पर झारखंड के पलामू, गढ़वा एवं लातेहार में कई नक्सली वारदात को अंजाम देने का आरोप है. झारखंड में उसपर 5 लाख रुपये ईनाम घोषित हैं. 3 सितंबर को पलामू के मनातू में पुलिस-नक्सलियों में हुई मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुए थे. इस घटना का मास्टरमाइंड नगीना था. 

सिलदिली मुठभेड़ में बच गया था

इसके बाद 14 सितंबर को पलामू के मनातू थाना क्षेत्र के सिलदिली में सुरक्षाबल और टीएसपीसी नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में पांच लाख का ईनामी नक्सली मुखदेव यादव मारा गया था, जबकि नगीना बचकर भाग गया था. मुठभेड़ के बाद नगीना उत्तर प्रदेश के लखनऊ के इलाके में भाग गया था. वहां भी नगीना पर नक्सली एवं अन्य अपराधी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. यूपी एटीएस भी नगीना को लंबे वक्त से तलाश कर रही थी.

टीएसपीसी का जोनल कमांडर है

नगीना टीएसपीसी में जोनल कमांडर है. वह टीएसपीसी सुप्रीमो शशिकांत गंझू का बेहद करीबी माना जाता है. हमेशा एके-47 जैसे हथियार से लैस रहता था और झारखंड में अब तक 25 से अधिक नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका है. पलामू के छतरपुर थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद ने नगीना की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है. झारखंड पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब उससे पूछताछ की तैयारी कर रही हैं.

2014 में इटखोरी में पुलिस टीम पर हमला

नगीना झारखंड में नक्सली घटनाओं को अंजाम देकर यूपी-दिल्ली जैसे शहरों में जाकर छिप जाता है.  10 साल पहले भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था. उसपर 2014 में चतरा के इटखोरी इलाके में पुलिस पार्टी पर हमला करने का आरोप है. 24 दिसंबर 2014 को ईटखोरी के प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर के पास नक्सलियों ने लैंड माइंस विस्फोट कर गश्त से लौट रही पुलिस पार्टी के वाहन को पलट दिया और जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. 6 जवानों की पुलिस पार्टी में शामिल 4 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने यह हमला पुलिस के हथियार लूटने के लिए किया था. लेकिन वे अपनी इस कोशिश में सफल नहीं हो सके थे. इसी घटना के बाद नगीना पर 5 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था. उस वक्त ये नक्सली सब डिविजनल कमांडर के तौर पर काम करता था. औरगांबाद, चतरा और उससे जुड़े इलाकों में नकस्ली वारदातों को अंजाम देता था.

 

1
Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

You May Also Like

Write a Response