नई दिल्ली :
संसद के बजट सत्र के पहले दिन सदन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों के ज्वाइंट सेशन को 59 मिनट तक संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कुंभ हादसे पर दुख जताया. उन्होंने मोदी सरकार की योजनाओं की सराहना की. उन्होंने कहा- भारत जल्द दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने की ओर बढ़ रहा है. देश में 70 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान का फायदा मिला, छोटे कारोबारियों के लिए लोन लिमिट दोगुनी हुई. साथ ही 3 करोड़ नए घर का लक्ष्य जल्द पूरा होगा. सरकार 3 गुना तेज गति से काम कर रही है. आज देश बड़े फैसलों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है. महिलाओं, किसानों और युवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता मिल रही है. राष्ट्रपति ने कहा, सीमा क्षेत्र की सड़कें और अटल टनल, सेला टनल और सन्मार्ग टनल जैसे आधुनिक आधारभूत ढांचा से पर्यटन को बढ़ावा मिला है. सीमा पर स्थित देश के प्रथम गांव में वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया गया है. उग्रवाद को समाप्त करने के लिए अंतिम चरण की शुरुआत हो चुकी है. सरकार के प्रयासों से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर अब 38 रह गई है.
महिलाओं को सम्मान और अधिकार मिलना जरूरी : मोदी
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जब भारत आजादी के 100 साल का जश्न मनाएगा, तो भारत विकसित होकर रहेगा. देश के 140 करोड़ देशवासी इस संकल्प को पूरा करेंगे. कहा कि जनता ने मुझे तीसरी बार ये दायित्व सौंपा है और इस तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट 2047 पर फोकस्ड होगा. पीएम ने कहा कि हम मिशन मोड में हैं और सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे ले जा रहे हैं. उन्होंने इशारों में यह भी बताया कि इस बार बजट में महिलाओं को लेकर कुछ खास ऐलान किए जा सकते हैं. कहा कि हर नारी को सम्मान और समान अधिकार मिलना जरूरी है. हमें नारी शक्ति के गौरव को स्थापित करना है और इस बजट सत्र में नारी शक्ति को बढ़ावा देने उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे.
वित्तमंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया. आर्थिक सर्वेक्षण एक वार्षिक दस्तावेज है, जिसे सरकार केंद्रीय बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए पेश करती है. यह सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है. यह अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ इसे तैयार करता है.





