Ranchi: कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के राजू ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने मनरेगा कानून में बदलाव कर ग्रामीण गरीबों से रोजगार की गारंटी छीन ली है. राजू का कहना था कि यह योजना गांवों की जीवनरेखा थी, जिसे नए प्रावधानों के जरिए लगभग निष्प्रभावी बनाया जा रहा है. के राजू रांची स्थिति प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. के राजू ने कहा कि मनरेगा की सबसे बड़ी खासियत थी कि ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन काम की गारंटी हासिल थी, लेकिन अब इस गारंटी को खत्म करके सरकार ने ग्रामीण मजदूरों को असुरक्षा की स्थिति में धकेल दिया गया है. राजू ने कहा कि पहले गांव किस काम को प्राथमिकता देंगे, इसका अधिकार मजदूरों और ग्राम सभा को था, लेकिन अब नीति निर्धारण और चयन का अधिकार केंद्र स्तर पर केंद्रित हो गया है.
मनरेगा की फंडिंग में कटौती का आरोप
राजू ने दावा किया कि पहले मनरेगा के लिए 90% राशि केंद्र सरकार उपलब्ध कराती थी. अब यह हिस्सेदारी घटाकर 60% कर दी गई है, वह भी चुनिंदा इलाकों तक सीमित. उनका कहना है कि गरीब राज्यों में यह सीधी चोट साबित होगी और रोजगार उपलब्धता खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी इस योजना से गांधी की पहचान को हटाने का प्रयास किया गया. राजू ने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी की आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सोच थी-जिसे सरकार कुचलने पर तुली है.
कांग्रेस प्रभारी ने याद दिलाया कि कोविड-19 के दौर में इसी योजना ने लाखों कामगारों को रोजगार देकर जीवन बचाने का काम किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस 21 दिसंबर से जिला-स्तर पर आंदोलन चलाएगी और लोगों को नए विधेयक के प्रभावों के बारे में बताएगी.
कांग्रेस का संगठनात्मक एजेंडा और आगे की योजनाएं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्थापना दिवस पर पंचायत, बूथ और प्रखंड स्तर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. कमलेश ने बताया कि ‘संगठन सृजन अभियान’ झारखंड में अंतिम चरण में पहुंच चुका है. ग्राम पंचायत कमेटियों में 12 सदस्य शामिल होंगे और प्रत्येक स्तर पर मासिक बैठकें अनिवार्य की जाएंगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश कांग्रेस के सह-प्रभारी सीरीबेला प्रसाद, भूपेंद्र मरावी, सुबोधकांत सहाय, बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुजनी, सोनाल शांति और रमा खलको समेत कई नेता मौजूद रहे.



