PM मोदी के नाम CM हेमंत सोरेन का खुला पत्र, झारखंडियों का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए कब मिलेगा?

सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को खुला पत्र लिखकर एक बार फिर बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ देने की मांग की है. इस पत्र के माध्यम से सीएम ने लिखा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का चुनाव को लेकर झारखंड आगमन है. ऐसे में पीएम मोदी को झारखंडियों के बकाए रकम को जल्द दिलाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

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रांची : झारखंड में चुनावी सरगर्मी के बीच सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी से झारखंडियों का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए लौटाने की मांग की है. साथ ही बीजेपी के साथियों खासकर सांसदों से झारखंडियों के इस बकाए रकम को दिलाने में मदद करने की अपील की है. आइए बताते हैं कि सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को लिखे खुले पत्र में क्या कुछ लिखा है.

 

झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए कम मिलेगा?

पीएम मोदी को लिखे खुला पत्र में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दो नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झारखंड आ रहे हैं, वहीं, चार नवंबर को पीएम मोदी का झारखंड आगमन है. ऐसे में दोनों गणमान्य से झारखंडियों का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए लौटाने दें.

 

पीएम मोदी को लिखा खुला पत्र

सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को लिखे खुला पत्र में कहा कि आपका ध्यान राज्य के समक्ष आ रही एक गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूं. यह समस्या कोयला कंपनियों द्वारा राज्य के बकाया का भुगतान नहीं करने से संबंधित है, जो हमारे राज्य के विकास में बाधक बन रही है. बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपए का जिक्र करते हुए लिखा कि वॉश्ड रॉयल्टी के रूप में 2900 करोड़ रुपए, पर्यावरण मंजूरी सीमा के उल्लंघन के लिए 32 हजार करोड़ रुपए, भूमि अधिग्रहण मुआवजे के रूप में 41,142 करोड़ रुपए. इस पर लगी सूद की रकम 60 हजार करोड़ रुपए. इस तरह से कुल 1,36,042 करोड़ रुपए अब तक बकाया है.

 

विकास पर प्रभाव

पीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि इस बकाया राशि के कारण हमारे राज्य में अनेक विकास परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, स्वच्छ पेयजल, मंईयां, बच्यों, युवा, वृद्ध, किसान, मजदूर, आदिवासी-मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक, विस्थापित एवं समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक योजनाओं को लागू करने में कठिनाई हो रही है. कहा कि झारखंड एक अल्प विकसित राज्य है, जो संसाधनों की कमी से गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है. संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए उपरोक्त राशि अत्यंत आवश्यक है. 

न्यायिक निर्णय

सर्वोच्च न्यायालय की 9 सदस्यीय पीठ ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया है. माननीय न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि खनन और रॉयल्टी शुल्क वसूलने का अधिकार राज्य को है. यह भी कहा गया है कि रॉयल्टी एक कर नहीं है और इसलिए इस पर कोई सीमा नहीं लगाई जा सकती है.

 

पीएम से अनुरोध

पत्र के माध्यम से सीएम ने पीएम से अनुरोध किया है कि आप इस मामले में हस्तक्षेप करें और कोयला कंपनियों को बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दें. जब तक पूरी राशि का भुगतान नहीं हो जाता, कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों को ब्याज राशि का भुगतान करना चाहिए या कोल इंडया के खाते से राज्य के खाते में सीधे क्रेडिट किया जाना चाहिए. यह राशि झारखंड के लोगों के कल्याण और राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

 

समाधान का आग्रह

सीएम हेमंत सोरेन ने आग्रह किया है कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान किया जाए, ताकि झारखंड के लोग विभिन्न सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं का लाभ उठा सके. यह न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि गरीबी उन्मूलन और लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए भी आवश्यक है.

 

 

 

 

 

 

 

 

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