ED का केस मैनेज करने का मामला : रांची-धनबाद में वकील, सीओ, डीटीओ के ठिकाने पर छापा

ईडी के केस को मैनेज करने को लेकर करोड़ों की वसूली से जुड़ा हुआ है. इस मामले को लेकर दो दिन पूर्व ही रांची के पंडरा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसकी एफआईआर संख्या 0508 है, एफआईआर 6 अक्टूबर को दर्ज कराई गई थी.

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रांची :  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार सुबह ईडी की टीम धनबाद और रांची में वकील, डीटीओ, सीओ समेत अन्य कई लोगों के ठिकानों पर छापा मारा. ईडी का केस मैनेज करने के मामले में हुई करोड़ों की वसूली के मामले में यह कार्रवाई की गई है. जानकारी के अनुसार रांची में पांच और धनबाद में दो से तीन स्थानों पर ईडी की रेड चल रही है. जिनके यहां रेड चल रही है उनमें तीन अंचल अधिकारी और कुछ अधिवक्ता शामिल हैं. ईडी ने धनबाद में डीटीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, जय कुमार राम, प्रभात भूषण, संजीव पांडे, रवि और सुजीत नाम के व्यक्ति के ठिकानों पर छापा मारा है. यह कार्रवाई पंडरा थाना में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गयी है.छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश बरामद होने की खबर सामने आ रही है. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है.

पंडरा थाने में दर्ज हुई थी FIR

ईडी सूत्रों से मुताबिक यह मामला ईडी के केस को मैनेज करने को लेकर करोड़ों की वसूली से जुड़ा हुआ है. इस मामले को लेकर दो दिन पूर्व ही रांची के पंडरा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसकी एफआईआर संख्या 0508 है, एफआईआर 6 अक्टूबर को दर्ज कराई गई थी. इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआर दर्ज कर जांच शुरू की है. दरअसल कांके जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए कमलेश के करीबी जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने ईडी को मैनेज करने के नाम पर वकील सुजीत कुमार पर 6 करोड़ रुपए ठगी करने का आरोप लगाया है. संजीव पांडे ने सुजीत कुमार के खिलाफ दो दिन पूर्व पंडरा थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है. 

एफआईआर में दर्ज सभी लोगों के ठिकाने पर छापेमारी

अपने आवेदन में संजीव पांडे ने लिखा है कि जो रुपए ईडी को मैनेज करने के नाम पर वकील को दिए गए थे, उसमें कांके सीओ जयकुमार राम ने अमन नाम के एक आदमी से तीन करोड़ 40 लाख नगद, एक आईफोन दिया गया था. वहीं कांके के पूर्व सीओ और वर्तामान धनबाद डीटीओ दिवाकर द्विवेदी ने अपने भाई के माध्यम से एक करोड़ रुपए तथा नामकुम के पूर्व सीओ प्रभात भूषण सिंह ने एक करोड़ रुपए दिए थे. इसके बावजूद ईडी की चार्जशीट में सभी का नाम आ गया. जब पैसे वकील से वापस मांगे गए तब उसने किस्तों में पैसे देने की बात कही थी, लेकिन बाद में उसने दूसरे पक्ष के लोगों पर अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया. रांची पुलिस अभी मामले की जांच ही कर रही थी तब तक इसमें ईडी की एंट्री हो गई. पंडरा में दर्ज एफआईआर में जितने भी लोगों के नाम हैं सबके ठिकाने पर ईडी रेड कर रही है.

 

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