Hazaribagh: प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रम में रिश्वतखोरी का एक और मामला सामने आया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) हजारीबाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हुवाग पंचायत के पंचायत सचिव प्रभु नारायण सिंह को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया. यह गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब आरोपी सचिव आवास योजना की पहली किस्त जारी करने के बदले पैसे ले रहा था. पीड़ित लाभुक द्वारा की गई शिकायत के बाद एसीबी ने पूरी योजना के तहत जाल बिछाया और आरोपी को रंगेहाथ पकड़ने में सफलता हासिल की. इस कार्रवाई के बाद सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं.
किस्त रोककर मांगी जा रही थी मोटी रकम
ग्राम हुवाग निवासी मो. अलीजान अंसारी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था. उनके अलावा अन्य लाभुकों को पहली किस्त मिल चुकी थी, लेकिन उनसे लगातार टालमटोल किया जा रहा था. जब उन्होंने पंचायत सचिव से संपर्क किया तो साफ तौर पर कहा गया कि बिना “सेटिंग” के भुगतान संभव नहीं है. शिकायत के मुताबिक पंचायत सचिव ने शुरुआत में ₹10 हजार की मांग की. बाद में बातचीत के बाद रकम घटाकर ₹5 हजार कर दी गई और अंततः ₹2500 की पहली किस्त पर सहमति बनी. लाभुक ने रिश्वत देने से इनकार करते हुए सीधे एसीबी का दरवाजा खटखटाया.
एसीबी की रणनीति, जाल में फंसा आरोपी
शिकायत मिलने के बाद एसीबी ने गोपनीय जांच कराई, जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. इसके बाद ट्रैप की रणनीति बनाई गई. तय योजना के अनुसार जैसे ही पंचायत सचिव ने ₹2500 की रकम ली, एसीबी की टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ की जा रही है और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है. एसीबी अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुक से रिश्वत मांगने का गंभीर मामला सामने आया है. हजारीबाग जिले के हुवाग पंचायत में पंचायत सचिव को एसीबी ने ₹2500 रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई ने सरकारी योजनाओं में फैले भ्रष्टाचार पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.



