Assembly Election 2024 : बीजेपी ने किया लोहरदगा सरेंडर, गुमला में सुदर्शन चलाएंगे चक्र !

लोहरदगा के पूर्व सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि वे चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन लोहरदगा से नहीं बल्कि गुमला विधानसभा सीट से.

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रांची :  बीजेपी ने लोहरदगा विधानसभा सीट पर सरेंडर कर दिया है. इस सीट पर आजसू पार्टी चुनाव लड़ेगी. सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर अंतिम मुहर लगने के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी. बीजेपी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि बीजेपी हर हाल में इस सीट पर चुनाव लड़ेगी. लोहरदगा विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद सुदर्शन भगत चुनाव लड़ेंगे. वहीं बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि लोहरदगा हाई प्रोफाइल सीट है. कौन चुनाव लड़ेगा यह अभी नहीं कहा जा सकता. 2-4 दिन इंतजार करिये. इस संबंध में जब सुदर्शन भगत से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर उनकी दावेदारी नहीं है. लोहरदगा सीट पर बीजेपी से अधिक आजसू की दावेदारी बनती है. सुदर्शन ने कहा कि वे चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन लोहरदगा से नहीं बल्कि गुमला विधानसभा सीट से.

फ्लैशबैक

2019 में एनडीए के बिखराव से कांग्रेस को हुआ था फायदा

अगर लोहरदगा विधानसभा सीट से आजसू चुनाव लड़ती है तो वहां आजसू की प्रत्याशी पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत उसकी प्रत्याशी हो सकती हैं. 2015 के उपचुनाव और 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने नीरू को ही लोहरदगा से अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि वो दोनों बार चुनाव हार गईं थी. लोहरदगा सीट पर इस बार आजसू और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकबला हो सकता है. 2019 में आजसू और बीजेपी ने गठबंधन के बिना चुनाव लड़ा था. इसका फायदा कांग्रेस को हुआ था. कांग्रेस के रामेश्वर उरांव 42.67 फीसदी वोट लाकर चुनाव जीत गये थे. जबकि बीजेपी और आजसू का वोट बंट गया था. बीजेपी को 25.37 फीसदी और आजसू को 22.90 फीसदी वोट मिले थे. अगर बीजेपी-आजसू साथ होते को शायद कांग्रेस इस सीट पर कब्जा नहीं जमा पाती.

2019 में कांग्रेस का वोट बंटा था

2019 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा विधानसभा सीट पर चुनाव परिणाम बेहद रोचक रहा था. लोहरदगा से कांग्रेस के वर्तमान विधायक सुखदेव भगत 2019 में यहां से बीजेपी की टिकट पर चुनाव में खड़े थे. चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए थे. हालांकि इस चुनाव में सुखदेव भगत को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस झारखंड सरकार में मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव कांग्रेस से सुखदेव भगत के खिलाफ चुनाव मैदान में थे. रामेश्वर उरांव को चुना में 74380 वोट मिले थे. जबकि सुखदेव भगत को 44230 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर नीरू शांति भगत थीं. उन्हें 39916 वोट मिले थे.

आजसू की राह आसान

एनडीए और इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होने के बाद लोहरदगा विधानसभा सीट पर एनडीए में आजसू और इंडी गठबंधन में कांग्रेस की ओर जाना लगभग तय है. रामेश्वर उरांव यहां प्रत्याशी हो सकते हैं, लेकिन यह भी चर्चा है कि खुद चुनाव न लड़कर रामेश्वर अपने बेटे की राजनीति में इंट्री करवा सकते हैं. बहरहाल जो भी हो, लेकिन इस बार रामेश्वर की राह उतनी मुश्किल नहीं होगी जितनी 2019 के चुनाव में थी. 2019 में सुखदेव भगत बीजेपी से उन्हें चुनौती दे रहे थे. इस वजह से कांग्रेस का वोट बंट गया था, लेकिन इस बार वोट बंटने की उम्मीद नहीं है. सुखदेव कांग्रेस में हैं और सीटिंग सांसद भी. वहीं आजसू की राह भी पिछली बार की तरह मुश्किल नहीं होगी. क्योंकि सुदर्शन पहले ही मैदान छोड़ चुके हैं.

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