दिल्ली में बीजेपी को प्रचंड बहुमत, केजरी का ‘वाल’ ध्वस्त, कांग्रेस के 67 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

  • Posted on February 8, 2025
  • देश
  • By Bawal News
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दिल्ली में बीजेपी की दमदार एंट्री हो चुकी है. 27 साल का वनवास समाप्त करते हुए बीजेपी ने दिल्ली में भगवा लहरा दिया है. दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को ऐसे नकारा कि पार्टी के नंबर-1 नेता अरविंद केजरीवाल, नंबर-2 नेता मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज तक चुनाव हार गए. 

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नई दिल्ली : दिल्ली में बीजेपी की आंधी में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस उड़ गई. 26 साल बाद बीजेपी ने दिल्ली की सत्ता में वापसी करते हुए बीजेपी ने 48 सीटें जीत ली हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 22 विधानसभाओं में जीत हासिल हुई है. चुनाव हारने वालों में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया शामिल हैं. इनके अलावा आम आदमी पार्टी के अवध ओझा, सौरभ भारद्वाज, ब्रह्म सिंह तंवर, मनोज कुमार त्यागी, सीए विकास बग्गा, राखी बिड़ला, सोमनाथ भारती, अखिलेश पति त्रिपाठी, आदिल अहमद खान, दुर्गेश पाठक, मोहिंदर गोयल, सरित सिंह, जितेंद्र शंटी, सतेंद्र जैन, बंदना कुमारी भी चुनाव हार गए हैं. मुख्यमंत्री आतिशी अपना सीट बचाने में किसी तरह कामयाब रहीं.


कितने वोटों से हारे आप के महारथी


अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से बीजेपी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा से हार गए. प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को करीब 4089 वोटों से हराया. वहीं दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने 675 वोटों के अंतर से हराया. सिसोदिया को 38184 वोट मिले, तो बीजेपी उम्मीदवार को 38859 वोट मिले. ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से आप नेता और निवर्तमान मंत्री सौरभ भारद्वाज को बीजेपी उम्मीदवार शिखा रॉय ने 3188 वोटों के अंतर से हराया. भारद्वाज को कुल 46406 वोट मिले, जबकि शिखा रॉय को 49594 मिले. मालवीय नगर सीट से आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती को बीजेपी के उम्मीदवार सतीश उपाध्याय ने 2131 वोटों के अंतर से हराया. हालांकि सीएम आतिशी अपना सीट बचाने में कामयाब रही. आतिशी ने कालकाजी सीट पर बीजेपी के रमेश बिधूड़ी को 3521 वोटों के अंतर से हराया. 


अरविंद केजरीवाल ने हार स्वीकारी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली. एक वीडियो मैसेज में उन्होंने कहा, "जनता का फ़ैसला सर माथे पर. हम पूरी विनम्रता से अपनी हार स्वीकार करते हैं. मैं बीजेपी को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि जनता ने जिन उम्मीदों के साथ उन्हें चुना है वो उन उम्मीदों को पूरा करेंगे. जनता ने हमें 10 सालों तक जो मौक़ा दिया उसमें हमने काफ़ी काम करने की कोशिश की. शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की कोशिश की. हम आगे भी जनता के लिए काम करते रहेंगे और रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे."

दिल्ली के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : मोदी


बीजेपी की जीत पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन! आपने जो भरपूर आशीर्वाद और स्नेह दिया है, उसके लिए आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार. हम दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे, यह हमारी गारंटी है. इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विकसित भारत के निर्माण में दिल्ली की अहम भूमिका हो. मुझे बीजेपी के अपने सभी कार्यकर्ताओं पर बहुत गर्व है, जिन्होंने इस प्रचंड जनादेश के लिए दिन-रात एक कर दिया. अब हम और भी अधिक मजबूती से अपने दिल्लीवासियों की सेवा में समर्पित रहेंगे.”

71% स्ट्राइक रेट


बीजेपी ने 1993 में दिल्ली में 49 सीटें यानी दो तिहाई बहुमत हासिल किया था. 5 साल की सरकार में मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज सीएम बनाए गए थे. 1998 के बाद कांग्रेस ने 15 साल राज किया. इसके बाद 2013 से आम आदमी पार्टी की सरकार थी. इस बार बीजेपी की 71% स्ट्राइक रेट के साथ 40 सीटें बढ़ीं. पार्टी ने 68 पर चुनाव लड़ा, 48 सीटें जीतीं. वहीं, AAP को 40 सीटों का नुकसान हुआ. आप का स्ट्राइक रेट 31% रहा. बीजेपी ने पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले वोट शेयर में 9% से ज्यादा का इजाफा किया. वहीं, AAP को करीब 10% का नुकसान हुआ है. कांग्रेस को भले ही एक भी सीट नहीं मिली, लेकिन वोट शेयर 2% बढ़ाने में कामयाब रही. वहीं 2020 में बीजेपी ने महज 8 सीटें जीती थीं. 2025 में 6 गुना ज्यादा यानी 48 से ज्यादा सीटों पर जीती.

आम आदमी पार्टी की हार की 6 बड़ी वजह


1.    बीजेपी  ने केजरीवाल के सरकारी बंगले (शीशमहल) के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाने को BJP ने मुद्दा बनाया.
2.    बीजेपी ने चुनाव को PM मोदी बनाम केजरीवाल बनाया. प्रधानमंत्री ने अपने नाम पर वोट मांगे.
3.    केंद्र ने वोटिंग से 3 दिन पहले 12 लाख तक इनकम टैक्स फ्री की. चुनाव में इस फैसले का असर पड़ा.
4.    पीएम मोदी ने हर रैली में महिलाओं और 60-70 साल के बुजुर्गों को हर महीने 2500 रुपए देने का ऐलान किया, जिसका बड़ा असर चुनाव पर पड़ा
5.    बीजेपी ने इस बार अपने 67 फीसदी कैंडिडेट बदल दिये. कुल 68 उम्मीदवार उतारे थे, इसमें पिछले चुनाव वाले 46 प्रत्याशी बदल दिए. 
6.    केजरीवाल करप्शन के आरोप लगे, 177 दिन जेल में रहे, जिसे BJP ने अपने चुनावी कैंपेन में मुद्दा बनाया.

 

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