बिहार विधानसभा चुनाव 2025: BJP के 21 मौजूदा विधायकों के टिकट कटने की चर्चा, बंद कमरे में हुआ मंथन

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बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग की इस घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं. सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में BJP ने पटना में दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें उम्मीदवार चयन से लेकर सीटों की समीक्षा तक, तमाम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई.

कौन-कौन रहे शामिल?

इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और बिहार चुनाव के पार्टी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह-प्रभारी सी.आर. पाटिल और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े मौजूद रहे. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और अन्य वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल थे.

टिकट कटने की चर्चाएं तेज

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, 21 मौजूदा विधायकों के टिकट इस बार कट सकते हैं. इन विधायकों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर असंतोष, खराब प्रदर्शन, या पार्टी नेताओं से अनबन जैसी वजहों को चर्चा में लाया गया है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि "परफॉर्मेंस ही प्रमोशन का आधार होगा."

धर्मेंद्र प्रधान का बयान

धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक के बाद कहा, "जहां रिपोर्ट और परफॉर्मेंस मजबूत है, वहां मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका मिलेगा. लेकिन जहां एंटी-इनकंबेंसी या अन्य समस्याएं हैं, वहां नए विकल्पों पर विचार किया जा रहा है." उन्होंने यह भी साफ किया कि इस बार महिलाओं और युवाओं को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी.

60 सीटों पर हुआ गहन मंथन

BJP ने इस बैठक में 243 में से अपनी मौजूदा 60 सीटों को लेकर समीक्षा की. 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 75 पर जीत दर्ज की थी. जिन विधायकों ने अच्छा प्रदर्शन किया, उन्हें फिर से मौका मिलने की उम्मीद है. लेकिन जिनका कामकाज या छवि कमजोर रही है, उन्हें इस बार टिकट से वंचित किया जा सकता है.

हाईकमान करेगा अंतिम फैसला

बैठक के बाद तैयार की गई रिपोर्ट को अब दिल्ली में पार्टी हाईकमान को सौंपा गया है, जहां से अंतिम निर्णय लिया जाएगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चंपारण क्षेत्र में पार्टी कई पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवारों को उतारने के पक्ष में है.

दो पूर्व सांसदों को मिल सकता है मौका

सूत्रों के मुताबिक, BJP इस चुनाव में दो पूर्व सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारने पर विचार कर रही है. यह एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जिससे पार्टी एक नया संदेश देना चाहती है कि "बदलाव के बिना विकास संभव नहीं है."

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