रांची :
आदिवासी संगठनों का बुलाया गया रांची बंद असरदार रहा. सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के विरोध में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गये और सड़क जाम किया. दुकानों-प्रतिष्ठानों को भी बंद कराया. खराब मौसम, बारिश और पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भी बंद समर्थक पीछे नहीं हटे. महिलाएं और बच्चे भी बंद को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतर गये थे. अरगोड़ा चौक के पास बंद समर्थकों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन बंद समर्थक डटे रहे. वहीं हिनू चौक के पास बंद समर्थकों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक और हाथापाई भी हुई. बंद के कारण सुबह से शाम तक रांची अस्त-व्यस्त रही.
मंत्री-विधायकों को भी हुई परेशानी
बंद के कारण राजधानी के चौक-चौराहे और गली-मोहल्ले में भी दुकानें बंद रही. बंद के कारण यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई. बस, ट्रेन से लेकर हवाई यात्रा करने वाले लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई यात्री तो पैदल ही स्टेशन और एयरपोर्ट के लिए जाते दिखे. बंद के काण आम से लेकर खास लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. मंत्री-विधायक विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने निकले थे, लेकिन बंद समर्थकों ने उनकी गाड़ियों को भी जाने नहीं दिया. मंत्री-विधायक गली-मुहल्लों से होते हुए विधानसभा पहुंचे.
क्या कहा बंद समर्थकों ने
बंद समर्थक शहर को बंद कराने निकले पारंपरिक हथियार लेकर निकले थे. आदिवासी संगठनों ने कहा कि सिरमटोली के पास स्थित सरना स्थल उनका मुख्य धार्मिक स्थल है. सरहुल के दिन निकाले जाने वाले सभी जुलूस यहीं समाप्त होते हैं, ऐसे में रैंप के कारण यह स्थल छोटा हो गया तो पूजा करने में काफी दिक्कतें आएंगी. उन्होंने कहा कि सरना स्थल की 14 फीट जमीन पहले ही दान कर दी गई है. अब और जमीन देना संभव नहीं है.





